दोस्तो एक और कहानी आपके लिए दोस्तो मैं देल्ही यूनिवर्सिटी से बीएससी कर रहा था घटना 3 साल पहले की है. तब मे फाइनल एअर मे था. गर्मी का मसम था जून का और देल्ही यूनिवर्सिटी मे अड्मिशन स्टार्ट हो रहे थे मेरे गाओ मे चाचा रहते है राकेश. मे अपनी फॅमिली के बारे मे बताना भूल गया हमारा 4 बेड रूम फ्लॅट है घर मे मैं मम्मी पापा रहते है जॉब की वजह से पापा मॅग्ज़िमम बाहर रहते है.
तो आगे बताता हू कि पापा बाहर गये हुए थे उनका मुझे कॉल आया कि बेटा गाओ से तुम्हारे राकेश चाचा आ रहे है उनकी ट्रेन का टाइम हो गया तुम उन्हे ले आना मे गुस्से मे लाल हो गया क्यो कि मुझे स्टेशन जाना पसंद नही मम्मी ने मुझे उठाया और मे ना चाहते हुए भी स्टेशन गया न्यू देल्ही स्टेशन पे ट्रेन 1घंटा लेट आई मे और आग बाबूला हो गया जब ट्रेन आई तो मेने देखा चाचा चाची और उनकी लड़की शोभा उतरी उमर 18 गोरा बदन दूध की तरह लाल लाल गाल बाहर निकली गान्ड 34 के बूब्स और ब्लू टॉप मे कयांत लग रही थी मेरे तो होश उड़ गये और गुस्सा कहाँ गया पता भी नही चला. तभी चाचा ने आज लगाई साहिल मैं होश मे आया मेने कहा हाँ चाचा उन्हे प्रणाम किया और शोभा को हेलो कहा और कहा तुम तो काफ़ी बड़ी हो गई उसने मुस्कुराते हुए कहा भैया आप भी हॅंडसम हो गये है और मे मुस्कुरा दिया और हम घर निकल गये.
घर पहुचते ही मम्मी ने चाइ बनाई और उसके बाद सब रेस्ट लेने चले गये मैं तो पागल हो गया था तभी रूम मे जा के राजशर्मास्टॉरीजपर इन्सेस्ट स्टॉरी पढ़ी और शोभा के नाम की मूठ मारी मे जानता था वो मेरी बहेन है तब भी पता नही क्यूँ मेरी नियत बिगड़ गई क्यो कि आज तक मेने कभी किसी लड़की से बात नही की थी और ना ही हमारे घर कोई आया था. फिर शाम को हम उठे और सब साथ बैठ के चाइ पीने लगे तभी चाचा ने कहा साहिल तुम कॉलेज मे पढ़ते हो और तुम तो कॉलेज के बारे मे सब जानते हो शोभा का अड्मिशन भी तुम्हारे कॉलेज मे हो गया है तो मैं सोच रहा था वो यही रह कर पढ़े इस बारे मे भैया से बात हो गई क्योकि अंजान शहर मे लड़की अकेली रहे तो अच्छा नही लगता.और तभी मम्मी ने कहा हाँ क्यूँ नही भाई साहब घर मे मॅग्ज़िमम टाइम साहिल और मे ही रहते है हमे अच्छी कंपनी मिल जाएगी तभी मेने कहा हाँ माँ बिल्कुल मे शोभा को ले आया करूँगा और ले जाया करूँगा और स्टडी मे भी हेल्प कर दूँगा क्यूँ शोभा. तभी शोभा ने मुस्कुराते हुए कहा हम भाई और मैं खुश हो गया तभी पापा का कोल आया सब बात हो गई.
नेक्स्ट दिन मुझे शोभा को कॉलेज दिखाना था कॉलेज तो मैं उसे 1 घंटे मे दिखा लाता पर मैं उसके साथ टाइम स्पेंट करना चाहता था मेने बहाना सोचा और शोभा के रूम मे गया बिना नॉक किए मेने दरवाजा खोला आइ एम शॉक्ड शोभा सिर्फ़ टवल मे थी और बॉडी पर क्रीम लगा रही थी मेरी निगाह उसकी गोरी टाँगो पे गई तभी उसने कहा हाँ भाई मेने होश संभाल के कहा कि तुम सिर्फ़ कॉलेज ही देखोगी या मूवी भी पसंद है उसने मुस्कुराते हुए कहा भाई मूवी तो पसंद है पर पापा मुझे नही जाने देंगे मेने कहा उन्हे मैं मना लूँगा पर मे जैसा बोलू वही बोलना उसने कहा ओके. मे नीचे गया हॉल मे सब बैठे हुए थे मेने मम्मी को और अंकल को कहा कि मुझे कॉलेज के बाद लाइब्रेरी मे काम है और कुछ प्रॉजेक्ट का काम है हमे आते आते शाम हो जाएगी. चाचा ने कहा ओके कोई बात नही जब तुम साथ हो मुझे कोई टेन्षन नही तब मे शोभा को लेकर निकल गया क्या लग रही थी वो पिंक टॉप ब्लू जीन्स मे उसकी मचलती गान्ड चेहरे पे गॉगल्स वाउ मेने उससे कहा शोभा कॉलेज तो जब जाओगी देख लोगि चलो हम घूमने चलते है उसने कहा ओके भाई. मेने कहा प्लीज़ भाई भाई मत कहो मुझे साहिल कहो बड़ा अनकंफर्टबल लगता है उसने कहा हाँ देल्ही मे शायद नही कहते होंगे उसने कहा पर मैं आपको घर पे भाई ही कहूँगी मेने कहा ओके उसने मुझे एक सेक्शी सी स्माइल दी और मेने भी. रास्ते मे चलते चलते उसने अचानक मेरा हाथ पकड़ लिया मेने कहा क्या हुआ उसने कहा ऐसे ही मैं तो खुश हो गया मेने 3 ईडियट की टिकेट ली पता था मूवी आए 2 महीने हो चुके है हॉल खाली होगा मेने कहा तुम देखोगी उसने कहा हाँ आइ लव दिस मूवी.
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