Tuesday, 19 December 2017

ये चूत चोदने के लिए बना है

300*250

मेरा नाम चिंटू है, मेरी उम्र 19 साल है, मैं बीए के प्रथम वर्ष में पढ़ता हूँ और जयपुर का रहने वाला हूँ।

यह कहानी एक साल पहले की है। मेरे मामा के लड़के की शादी थी.. तो मामाजी हमारे घर पर आए और सबको निमंत्रण देते हुए बोला-

आप सबको मेरे साथ शादी में चलना है।

चूंकि हम सभी को पहले से जाने का पता था और वो भी पहले से ही हमारी यात्रा के लिए ट्रेन के टिकट लेकर आए थे।

हम सभी को गुजरात जाना था.. सफ़र लंबा था।
सभी ने तैयारी की और मैंने भी अपना सब सामान लगा लिया.. अपने मोबाइल की बैटरी चार्ज कर ली।

हम सब स्टेशन के लिए निकल गए, कुछ देर में हम सभी स्टेशन पहुँच गए।

कुछ देर बाद ट्रेन आई.. और सब अपनी-अपनी सीट पर जाकर बैठ गए।

सफ़र पूरी एक रात का था.. तो मैं जल्दी ही सो गया।
रात बड़े आराम से कट गई और सुबह मामाजी ने जल्दी ही उठा दिया, उन्होंने बताया- हमारा स्टेशन आने वाला है.. जल्दी उठ जाओ।

फिर वहाँ पहुँचने के बाद एक टैक्सी लेकर हम सभी मामाजी के घर चले गए।

हम वहाँ पहुँचे ही थे कि हमारे स्वागत के लिए बहुत सारे लोग खड़े थे।
उन्होंने हमारी बहुत अच्छी आवभगत की।

तभी मेरी नज़र एक लड़की पर पड़ी जो बहुत ही सुन्दर थी, उसका नाम पंखुरी था..
वो मेरे मामा की लड़की थी, उसकी उम्र 18 साल थी.. वो दिखने में बहुत मस्त माल थी।

उसके मम्मे 32 साइज़ के थे और पूरा फिगर बड़ा ही मस्त था। मेरे मन में तो वो मानो बस सी गई थी।

मैं उससे मिल कर अपनी दोस्ती बढ़ाने लगा और उस पर लाइन मारने लगा।
मैं उसके पीछे ही लगा रहा।

मैंने उससे दोस्ती के लिए बोला। वो थोड़ी देर तक तो मना करती रही.. फिर मान गई।

फिर हम दोनों का सिलसिला चलने लगा।
हम दोनों साथ में ही छत पर सोते थे।

एक दिन वो मेरे साथ चिपक कर सो रही थी.. तो मेरा लण्ड खड़ा हो गया। मेरा लौड़ा जैसे ही खड़ा हुआ तो उसके जिस्म से लगने

लगा।
वो बोलने लगी- मुझे तेरा कुछ लग रहा है।

उसने नीचे देखा तो मेरे पैन्ट की तरफ़ देख कर बोली- तूने पैन्ट के अन्दर क्या रख रखा है?
मैं बोला- कुछ भी तो नहीं है।
फिर वो बोली- तुम झूठ मत बोलो.. मुझे दिखाओ।

मैंने फिर से मना किया तो उसने जबरदस्ती मेरी जेब में हाथ डाल दिया और मेरा लण्ड पकड़ लिया।
बोली- ये तो तूने पैन्ट के अन्दर छुपा रखा है।

उसने जबरन मेरा पैन्ट नीचे कर दिया तो मेरा लण्ड फुंफकारता हुआ उसके सामने आ गया।

वो हैरत से मेरा लौड़ा देखते हुए बोली- ये क्या है?
मैंने बोला- इससे में ‘सूसू’ करता हूँ।

वो बोली- चल झूठे.. सूसू करने के लिए कही इतना बड़ा होता है।
मैंने कहा- सच में यार..
वो बोली- चल दिखा।
मैं बोला- ठीक है चल मेरे साथ।

वो मेरे साथ आ गई और मैं बाथरूम में जाकर ‘सूसू’ करने लगा। वो मेरे लौड़े से मूत की तेज धार निकलती हुई देखती रही।

फिर वो बोली- मेरे पास तो ऐसा कोई आइटम नहीं है।

मैं बोला- ये लड़कों के पास ही होता है। पर ये भी तेरा ही तो है।

उसकी कुछ समझ में नहीं आया कि ये मेरा कैसे हो सकता है।

मैं बोला- इसमें से सूसू के अलावा क्रीम भी निकलती है.. तुम खाओगी क्या?
वो बोली- अच्छी होगी तो जरूर खाऊँगी।

मैं लण्ड को ज़ोर-ज़ोर से हिलाते हुए मुठ मारने लगा। कुछ समय बाद मेरा माल निकलने वाला था.. तो मैंने बोला- अपना मुँह खोलो।

उसने हिचकते हुए नीचे बैठ कर अपना मुँह खोल दिया।
मैंने अपना लण्ड उसके मुँह में डाल दिया और पूरा माल उसके मुँह में निकाल दिया।

उसने चटखारे लेकर मेरा माल खा लिया।

फिर उसने हँस कर कहा- मुझे मालूम था कि ये चूत चोदने के लिए बना है.. तुम्हारा लौड़ा वास्तव में बहुत मोटा और लम्बा है। मुझे

इसको अपनी बुर में लेना है।

बस फिर क्या था..

हम दोनों बाथरूम से निकल कर कमरे में आ गए.. और शादी से पहले हम दोनों की सुहागरात मन गई।
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