मेरा नाम रानी है। मैं पंजाब में बरनाला जिले की रहने वाली हूं। मेरी आयु 25 वर्ष, रंग गोरा है। मेरा कद 5फीट 8इंच, मेरे मम्मे 36, गांड 36 और जिस्म भरा हुआ है। मैं दिखने में इकदम मस्त व चिकना माल हूं। जब मैं चलती हूं तो मेरी मटकती गांड और बड़े – बड़े तने हुए गोल – गोल मम्मे देखकर लड़कों के लंड खड़े हो जाते हैं। मेरे घर में मेरे इलावा मम्मी-पापा और मेरा छोटा भाई कमल हैं। ये कहानी मेरे और मेरे भाई की सेक्स कहानी है और ये कहानी बिल्कुल सच्ची है।
मेरे भाई की आयु 20 वर्ष और कद 6फीट है। वो दिखने में बहुत सेक्सी है कि कोई भी लड़की उस से चुदना चाहे। मैं भी उस से चुदना चाहती थी। उस का लंड लंबा व मोटा है। अब मैं कहानी पे आती हूं।
मैं और मेरा भाई आपस में बहुत खुले हुए थे। हम भाई बहन कम दोस्त ज्यादा थे। हम आपस में हर प्रकार की बातें कर लेते थे यहां तक कि नॉन वेॅज बातें भी पर मम्मी-पापा से चोरी। मुझे कॉलेज टाईम से ही सेक्सी किताबें पडऩे की लत लग गई थी। फिर मैं मोमबत्ती को चूत में डालकर गरमी निकाल लेती थी। इस से मेरी झिल्ली फट चुकी थी। मैं और मेरा भाई एक ही रूम में सोते थे। मेरे पास जो सेक्सी किताबें थीं वो हम रात को एकसाथ पढ़ते थे और कई बार रोलप्ले भी कर लेते धीरे-धीरे ताकि किसी को आवाज सुनाई न दे। एसा करने से भाई का लंड खड़ा हो जाता था। हम दोनो ही कामवासना में झुलस रहे थे पर डरते थे। रात को कई बार मैं उसके लंड पर हाथ रख देती तो कभी वो मेरे मम्मों हाथ रख कर सोने का नाटक करता।
पिछले वर्ष जून में पापा को आॅफिस की ओर से एक महीने केलिए सिंगापुर का टूर मिला। मम्मी-पापा सिंगापुर चले गए। अब हम घर में अकेले थे और मौका भी था। उस दिन मैंने सकर्ट और शर्ट पहनी जिस में मेरी मांसल जांघें दिख रहीं थीं और जानबूझकर शर्ट के दो बटन खुले छोड़ दिए जिस में से मेरे मम्मों की गोलाईयां बाहर निकल रहीं थीं और भाई के पास चली गई। वो मुझे एकटक देखता रह गया। मैंने देखा भाई का लंड खड़ा हो गया था। मैंने भाई से कहा मुझे बाईक सीखना है। भाई ने हां कर दी। हमारा घर शहर से 7 कि मी है। उस रास्ते पर जंगलात महकमे की जमीन है और हमारा खेत व घर। शाम के पांच बजे के बाद उस रास्ते पे हमारे सिवा कोई आता-जाता नहीं। अब तो शाम के छ: बज गए थे।
भाई ने बाईक बाहर निकाली। मैं आगे बैठ गई और भाई पीछे। मैंने बैठते समय अपनी सकर्ट गांड तक ऊपर उठा ली। मेरे जिस्म का सपर्श पाते ही भाई का लंड तन गया। मैं धीरे-धीरे बाईक चलाने लगी। भाई का लंड मेरी गांड की दरार में घुस रहा था और उसके हाथ मेरे मम्मो पर थे। मैंने ब्रेक लगा दी।
मैं ः चलो घर चलते हैं।
भाई ं क्या हुआ बाईक नहीं चलानी?
मैं ं नहीं घर चलो।
घर आ कर
भाई ं क्या हुआ दीदी?
मैं ं (भाई का लंड पकड़ते हुए ) मुझे ये चुभ रहा था।
भाई ं आज तुम इतनी सेक्सी लग रही हो तो मुझ से कंटरोल नहीं हुआ।
मैं ं आज इसे मैं ही शांत करती हूं। रूम में चलो।
रूम में आ कर मैंने भाई के और भाई ने मेरे कपड़े निकाल दिए। अब हम बिल्कुल नंगे थे। फिर मैंने भाई को कस के अपने सीने से लगा लिया और एक दूसरे के होंठों को चूसने लगे।हम दस मिंट तक एक -दूसरे को चूमते रहे।
भाई ं दीदी मैं कभ से आपको चोदना चाहता था।
मैं ं बहनचोद पहले बोल देता मैं तो कब से तुझ से चुदने केलिए मर रही थी। खैर अब तो इच्छा पूरी हो रही है।
भाई ं दीदी तेरे मम्मे बहुत मस्त हैं।
मैं ं अबे साले देखता ही रहेगा या चूसेगा भी।
भाई ं अच्छा साली रंडी इन्हें चूस-चूस के लाल कर दूंगा। पुच ंंंंंपुच ंंंंंपुच साली तेरे मम्मे कितने बड़े हैं कब से बेताब था आज हाथ लगे हैं पुच ंंंंंपुच ंंंंंपुच ंंं
मैं ं आह ंंंंंआह ंंंंंआह सीईई ंंंंईई चूउउस भाईईई चूउउस जोर-जोर से चूस बड़ी देर से मचल रही थी चूउउस आहह ंंंंईई ंंसईईई आहह
तेरा लंड तो काफी मोटा तगड़ा है। अब मैं तेरे लंड को चूसूंगी। (मैंने भाई का लंड मुंह में भर लिया ) ंंंंंपुच ंंंंंपुच हाआआआ ंंंंपुच
भाई ं आह आहहह ंंसईईई ंंंंंंंंंंंंआआहा ंंंंं दीदी ंंंंआहहह दीईईईई तुम तो ब्लू फिल्म की हीरोइन से भी अच्छा लंड चूसती हो जोर-जोर से चूसो आहहहह दीईईईई आह ंंंंआहहह चूउउउउउसो ंंंंआहहह
मैं ं मज़ा आया
भाई ं हां दीदी अब मैं तेरी चूत चाटूंगा।
मैं अपनी टांगें खोलकर बिस्तर पर लेट गई और भाई मेरी चूत चाटने लगा।
भाई ं सपड़ ंंंंसपड़ ंंंंसपड़ अरे दीदी तेरी चूत पर तो एक भी बाल नहीं ंंंंसपड़ ंंंंसपड़ ंंंंसपड़
मैं ं आहहहह आहहहह ंंंंंंंंंंंंआआहा ंंंसईईईई ंंंसईईईई हां मेरे राजा तेरे लिए ही साफ-सफाई की है ंंंसईईईई ंंंंआहहह ंंंसईईईई ंंआ ़ंंंंंआआआहाआ भाई जल्दी से मेरी चूत में लंड डालकर मुझे अपनी पत्नी बना लो आहहहह
भाई मेरी चूत में अपना लंड डालकर धक्के मारने लगता है और मैं गांड उचका – उचका कर गपागप चूत में लंड ले रही हूं
भाई ं आहहहह आहह
0 Comments