मैं ये कहानी उत्तर प्रदेश से भेज रहा हु, उम्ममीद करता हु की जल्दी ही आप लोगो को ये कहानी मिल जाएगी। मैं बहुत दिनों से मैंने बहुत सी कहानिया पढ़ी है और मेरे को ऐसी कहानिया बहुत पसंद है। मैं पहले किताबो से ऐसी कहानिया पढ़ा करता था। लेकिन जब से मेरे को इस वेबसाइट के बारे में पता चला, जहा मैं सेक्स स्टोरीज बिना किताबे ख़रीदे पढ़ सकता हु तब से मैंने इस वेबसाइट की बहुत कहानिया पढ़ी है। मेरा नाम उत्तम स्वामी है। मेरी उम्र 21 साल है, मैंने उत्तर प्रदेश में रहता हु। आज मैं आप लोगो को मेरी बहन की चुदाई की कहानी बताने जा रहा हु। मैं पहले भाई बहन के रिश्ते को बहुत पवित्र मानता था, मैं सोचता था की भाई बहन कभी भी चुदाई नहीं करते है। और मैं पहले अपनी छोटी बहन सविता को भी एक प्यारी छोटी बहन की नज़रो से ही देखता था। तब मेरे को पता चला की भाई बहन भी चुदाई करते है और घर की घर में खूब मज़े करते है। तब से मेरे अंदर वासना जाग गई, लेकिन मैं अपनी छोटी बहन सविता को गलत नज़रो से नहीं देखा, पर चुदाई की इच्छा होने लगी थी। ये बात 2 साल पहले की है, जब मैं 19 साल का था और सविता 17 साल की थी। उस समय सविता 12 कक्षा में थी मैं BA फर्स्ट ईयर में था। मेरी छोटी बहन उस समय जवान हो रही थी। मैंने उससे पहले कभी उसकी उबरती हुई जवानी पर ध्यान नहीं दिया था। हम लोग शहर में रहते है तो सविता ज्यादातर जीन्स और शर्ट पहनती है। वो मेरे से फ्रेंड की तरह की बाते करती है। वो अपनी ज्यादातर बाते मेरे साथ शेयर कर देती है। और मैं भी अपनी बाते उसके साथ शेयर करता हु। मतलब की हम दोनों दोस्त की तरह रहते है। मेरे मम्मी पापा दोनों जॉब करते है तो दिन में घर पर हम दोनों ही रहते है। एक दिन सविता रसोई में खाना बना रही थी। और लाइट नहीं आ रही थी। सविता ने शर्ट पहनी हुई थी। उस समय मैं अपने कमरे था, लाइट नहीं आ रही थी तो सविता को खाना बनाते हुई गर्मी लग रही थी, तो उसने अपनी शर्ट के ऊपर के दो बटन खोल लिए, क्युकी वह कोई नहीं था, मैं अपने कमरे में था, उसने सोचा यहाँ कौन आएगा। कुछ देर मैं रसोई में पानी पीने के लिए चला गया, तो सविता के को देखता ही रह गया, उसके आधे बूब्स दिख रहे थे, उसके बूब्स गोरे गोरे और कसे हुए थे, जिसको देख कर मेरा खड़ा हो गया था। उसको ये याद नहीं रहा की उसने शर्ट के बटन खोल रखे है। उसने मेरे से कहा ऐसे क्या देख रहे हो। मैंने उसके बूब्स की और इशारा करते हुए कहा ये। जैसे उसको याद आया वो एकदम से पीछे मूड कर बटन कर लिए और निचे मुँह करके खाना बनाने लगी, मैं पानी पी कर वापस आ गया, लेकिन उसके बूब्स मेरे दिमाग में घूम रहे थे। उस दिन मेरे दिमाग में बस उसके बूब्स ही घूम रहे थे। मेरे मन में सविता के प्रति गंदे गंदे विचार आने लगे थे। उस दिन सविता मेरे से नज़रे नहीं मिला पा रही थी। शाम के 4 बज चुके थे। सविता बहार सोफे पर बैठ कर अपना फ़ोन चला रही थी। मैं भी वह जाकर बैठ गया। थोड़ी देर बैठने के बाद मैंने उससे पूछा की तुम शर्ट के बटन खोल कर क्या कर रही थी। उसने नीचे मुँह करके कहा गर्मी लग रही थी, इसलिए खोले थे। मैंने कहा तुम्हरे बूब्स बहुत सेक्सी है, एक बार और दिखा दो मेरे को। उसने कहा नहीं। मैंने कहा मैं मम्मी पापा को बता दूंगा की तू शर्ट के बटन खोल कर खाना बनाती है। उसने कहा तुम किसी को कुछ नहीं बताओगे। मैं उसके पास जाकर बैठ गया और कहा तो एक बार दिखा दो। उसने फिर से मना कर दिया। मैंने उसको उठा कर गोद में बैठा लिया। वो इसका विरोध कर रही थी, बोल रही थी छोड़ दो। मैंने उसके बूब्स दबाने शुरू कर दिए। वो मेरे को मना कर रही थी पर उसके मना करने का मेरे ऊपर कोई फर्क नहीं पड़ रहा था। मैंने उसके शर्ट के बटन खोल दिए और उसका मुँह मेरी तरफ करके बूब्स को पागलो की तरह चूसने लगा था। अब उसने विरोध करना बंद कर दिया था। क्युकी उसको बूब्स चुसवाने में बहुत मज़ा आने लगा था। मैंने उसको लंड के ऊपर बैठाया हुआ था। मेरा लंड पत्थर हो गया था, जिसको वो महसूस कर सकती थी और लंड पर अपनी गांड रगड़ने की कोशिश कर रही थी। अब उसकी चुत में भी खुजली चलने लगी थी। मैं खड़ा होकर मैन गेट के कुण्डी लगा दी और जाकर सीधे उसकी जीन्स और अंडरवेअर निकाल कर चुत को चूसने लगा, उसकी गुलाबी चुत को चूसने में बहुत मज़ा आ रहा था। मन कर रहा था की साली की चुत की चूसता रहु। मैंने लंड उसकी चुत पर रखा और झटके मरने लगा, मेरे को लगा की इसकी सील पैक है दर्द होगा लेकिन उसको बिलकुल भी दर्द नहीं हुआ, मैंने कहा साली सील कहा से तुड़वाई, उसने कहा कही से नहीं मैंने ही ऊँगली और गाजर से तोड़ ली। मैंने कहा बहुत चुदकड़ है तू साली। आज तेरी साड़ी प्यास बुझा दूंगा। मैंने उसको 40 मिनट तक अलग अलग पोजीशन में चोदा। उस दिन के बाद वो मेरी पत्नी बन गई है। साली को जब मन करता है तब पेलता हु। आप लोगो को मेरी कहानी कैसी लगी मेरे कमेंट करके जरूर बताये।
छोटी बहन की सील तोड़ी
300*250
मैं ये कहानी उत्तर प्रदेश से भेज रहा हु, उम्ममीद करता हु की जल्दी ही आप लोगो को ये कहानी मिल जाएगी। मैं बहुत दिनों से मैंने बहुत सी कहानिया पढ़ी है और मेरे को ऐसी कहानिया बहुत पसंद है। मैं पहले किताबो से ऐसी कहानिया पढ़ा करता था। लेकिन जब से मेरे को इस वेबसाइट के बारे में पता चला, जहा मैं सेक्स स्टोरीज बिना किताबे ख़रीदे पढ़ सकता हु तब से मैंने इस वेबसाइट की बहुत कहानिया पढ़ी है। मेरा नाम उत्तम स्वामी है। मेरी उम्र 21 साल है, मैंने उत्तर प्रदेश में रहता हु। आज मैं आप लोगो को मेरी बहन की चुदाई की कहानी बताने जा रहा हु। मैं पहले भाई बहन के रिश्ते को बहुत पवित्र मानता था, मैं सोचता था की भाई बहन कभी भी चुदाई नहीं करते है। और मैं पहले अपनी छोटी बहन सविता को भी एक प्यारी छोटी बहन की नज़रो से ही देखता था। तब मेरे को पता चला की भाई बहन भी चुदाई करते है और घर की घर में खूब मज़े करते है। तब से मेरे अंदर वासना जाग गई, लेकिन मैं अपनी छोटी बहन सविता को गलत नज़रो से नहीं देखा, पर चुदाई की इच्छा होने लगी थी। ये बात 2 साल पहले की है, जब मैं 19 साल का था और सविता 17 साल की थी। उस समय सविता 12 कक्षा में थी मैं BA फर्स्ट ईयर में था। मेरी छोटी बहन उस समय जवान हो रही थी। मैंने उससे पहले कभी उसकी उबरती हुई जवानी पर ध्यान नहीं दिया था। हम लोग शहर में रहते है तो सविता ज्यादातर जीन्स और शर्ट पहनती है। वो मेरे से फ्रेंड की तरह की बाते करती है। वो अपनी ज्यादातर बाते मेरे साथ शेयर कर देती है। और मैं भी अपनी बाते उसके साथ शेयर करता हु। मतलब की हम दोनों दोस्त की तरह रहते है। मेरे मम्मी पापा दोनों जॉब करते है तो दिन में घर पर हम दोनों ही रहते है। एक दिन सविता रसोई में खाना बना रही थी। और लाइट नहीं आ रही थी। सविता ने शर्ट पहनी हुई थी। उस समय मैं अपने कमरे था, लाइट नहीं आ रही थी तो सविता को खाना बनाते हुई गर्मी लग रही थी, तो उसने अपनी शर्ट के ऊपर के दो बटन खोल लिए, क्युकी वह कोई नहीं था, मैं अपने कमरे में था, उसने सोचा यहाँ कौन आएगा। कुछ देर मैं रसोई में पानी पीने के लिए चला गया, तो सविता के को देखता ही रह गया, उसके आधे बूब्स दिख रहे थे, उसके बूब्स गोरे गोरे और कसे हुए थे, जिसको देख कर मेरा खड़ा हो गया था। उसको ये याद नहीं रहा की उसने शर्ट के बटन खोल रखे है। उसने मेरे से कहा ऐसे क्या देख रहे हो। मैंने उसके बूब्स की और इशारा करते हुए कहा ये। जैसे उसको याद आया वो एकदम से पीछे मूड कर बटन कर लिए और निचे मुँह करके खाना बनाने लगी, मैं पानी पी कर वापस आ गया, लेकिन उसके बूब्स मेरे दिमाग में घूम रहे थे। उस दिन मेरे दिमाग में बस उसके बूब्स ही घूम रहे थे। मेरे मन में सविता के प्रति गंदे गंदे विचार आने लगे थे। उस दिन सविता मेरे से नज़रे नहीं मिला पा रही थी। शाम के 4 बज चुके थे। सविता बहार सोफे पर बैठ कर अपना फ़ोन चला रही थी। मैं भी वह जाकर बैठ गया। थोड़ी देर बैठने के बाद मैंने उससे पूछा की तुम शर्ट के बटन खोल कर क्या कर रही थी। उसने नीचे मुँह करके कहा गर्मी लग रही थी, इसलिए खोले थे। मैंने कहा तुम्हरे बूब्स बहुत सेक्सी है, एक बार और दिखा दो मेरे को। उसने कहा नहीं। मैंने कहा मैं मम्मी पापा को बता दूंगा की तू शर्ट के बटन खोल कर खाना बनाती है। उसने कहा तुम किसी को कुछ नहीं बताओगे। मैं उसके पास जाकर बैठ गया और कहा तो एक बार दिखा दो। उसने फिर से मना कर दिया। मैंने उसको उठा कर गोद में बैठा लिया। वो इसका विरोध कर रही थी, बोल रही थी छोड़ दो। मैंने उसके बूब्स दबाने शुरू कर दिए। वो मेरे को मना कर रही थी पर उसके मना करने का मेरे ऊपर कोई फर्क नहीं पड़ रहा था। मैंने उसके शर्ट के बटन खोल दिए और उसका मुँह मेरी तरफ करके बूब्स को पागलो की तरह चूसने लगा था। अब उसने विरोध करना बंद कर दिया था। क्युकी उसको बूब्स चुसवाने में बहुत मज़ा आने लगा था। मैंने उसको लंड के ऊपर बैठाया हुआ था। मेरा लंड पत्थर हो गया था, जिसको वो महसूस कर सकती थी और लंड पर अपनी गांड रगड़ने की कोशिश कर रही थी। अब उसकी चुत में भी खुजली चलने लगी थी। मैं खड़ा होकर मैन गेट के कुण्डी लगा दी और जाकर सीधे उसकी जीन्स और अंडरवेअर निकाल कर चुत को चूसने लगा, उसकी गुलाबी चुत को चूसने में बहुत मज़ा आ रहा था। मन कर रहा था की साली की चुत की चूसता रहु। मैंने लंड उसकी चुत पर रखा और झटके मरने लगा, मेरे को लगा की इसकी सील पैक है दर्द होगा लेकिन उसको बिलकुल भी दर्द नहीं हुआ, मैंने कहा साली सील कहा से तुड़वाई, उसने कहा कही से नहीं मैंने ही ऊँगली और गाजर से तोड़ ली। मैंने कहा बहुत चुदकड़ है तू साली। आज तेरी साड़ी प्यास बुझा दूंगा। मैंने उसको 40 मिनट तक अलग अलग पोजीशन में चोदा। उस दिन के बाद वो मेरी पत्नी बन गई है। साली को जब मन करता है तब पेलता हु। आप लोगो को मेरी कहानी कैसी लगी मेरे कमेंट करके जरूर बताये।
मैं ये कहानी उत्तर प्रदेश से भेज रहा हु, उम्ममीद करता हु की जल्दी ही आप लोगो को ये कहानी मिल जाएगी। मैं बहुत दिनों से मैंने बहुत सी कहानिया पढ़ी है और मेरे को ऐसी कहानिया बहुत पसंद है। मैं पहले किताबो से ऐसी कहानिया पढ़ा करता था। लेकिन जब से मेरे को इस वेबसाइट के बारे में पता चला, जहा मैं सेक्स स्टोरीज बिना किताबे ख़रीदे पढ़ सकता हु तब से मैंने इस वेबसाइट की बहुत कहानिया पढ़ी है। मेरा नाम उत्तम स्वामी है। मेरी उम्र 21 साल है, मैंने उत्तर प्रदेश में रहता हु। आज मैं आप लोगो को मेरी बहन की चुदाई की कहानी बताने जा रहा हु। मैं पहले भाई बहन के रिश्ते को बहुत पवित्र मानता था, मैं सोचता था की भाई बहन कभी भी चुदाई नहीं करते है। और मैं पहले अपनी छोटी बहन सविता को भी एक प्यारी छोटी बहन की नज़रो से ही देखता था। तब मेरे को पता चला की भाई बहन भी चुदाई करते है और घर की घर में खूब मज़े करते है। तब से मेरे अंदर वासना जाग गई, लेकिन मैं अपनी छोटी बहन सविता को गलत नज़रो से नहीं देखा, पर चुदाई की इच्छा होने लगी थी। ये बात 2 साल पहले की है, जब मैं 19 साल का था और सविता 17 साल की थी। उस समय सविता 12 कक्षा में थी मैं BA फर्स्ट ईयर में था। मेरी छोटी बहन उस समय जवान हो रही थी। मैंने उससे पहले कभी उसकी उबरती हुई जवानी पर ध्यान नहीं दिया था। हम लोग शहर में रहते है तो सविता ज्यादातर जीन्स और शर्ट पहनती है। वो मेरे से फ्रेंड की तरह की बाते करती है। वो अपनी ज्यादातर बाते मेरे साथ शेयर कर देती है। और मैं भी अपनी बाते उसके साथ शेयर करता हु। मतलब की हम दोनों दोस्त की तरह रहते है। मेरे मम्मी पापा दोनों जॉब करते है तो दिन में घर पर हम दोनों ही रहते है। एक दिन सविता रसोई में खाना बना रही थी। और लाइट नहीं आ रही थी। सविता ने शर्ट पहनी हुई थी। उस समय मैं अपने कमरे था, लाइट नहीं आ रही थी तो सविता को खाना बनाते हुई गर्मी लग रही थी, तो उसने अपनी शर्ट के ऊपर के दो बटन खोल लिए, क्युकी वह कोई नहीं था, मैं अपने कमरे में था, उसने सोचा यहाँ कौन आएगा। कुछ देर मैं रसोई में पानी पीने के लिए चला गया, तो सविता के को देखता ही रह गया, उसके आधे बूब्स दिख रहे थे, उसके बूब्स गोरे गोरे और कसे हुए थे, जिसको देख कर मेरा खड़ा हो गया था। उसको ये याद नहीं रहा की उसने शर्ट के बटन खोल रखे है। उसने मेरे से कहा ऐसे क्या देख रहे हो। मैंने उसके बूब्स की और इशारा करते हुए कहा ये। जैसे उसको याद आया वो एकदम से पीछे मूड कर बटन कर लिए और निचे मुँह करके खाना बनाने लगी, मैं पानी पी कर वापस आ गया, लेकिन उसके बूब्स मेरे दिमाग में घूम रहे थे। उस दिन मेरे दिमाग में बस उसके बूब्स ही घूम रहे थे। मेरे मन में सविता के प्रति गंदे गंदे विचार आने लगे थे। उस दिन सविता मेरे से नज़रे नहीं मिला पा रही थी। शाम के 4 बज चुके थे। सविता बहार सोफे पर बैठ कर अपना फ़ोन चला रही थी। मैं भी वह जाकर बैठ गया। थोड़ी देर बैठने के बाद मैंने उससे पूछा की तुम शर्ट के बटन खोल कर क्या कर रही थी। उसने नीचे मुँह करके कहा गर्मी लग रही थी, इसलिए खोले थे। मैंने कहा तुम्हरे बूब्स बहुत सेक्सी है, एक बार और दिखा दो मेरे को। उसने कहा नहीं। मैंने कहा मैं मम्मी पापा को बता दूंगा की तू शर्ट के बटन खोल कर खाना बनाती है। उसने कहा तुम किसी को कुछ नहीं बताओगे। मैं उसके पास जाकर बैठ गया और कहा तो एक बार दिखा दो। उसने फिर से मना कर दिया। मैंने उसको उठा कर गोद में बैठा लिया। वो इसका विरोध कर रही थी, बोल रही थी छोड़ दो। मैंने उसके बूब्स दबाने शुरू कर दिए। वो मेरे को मना कर रही थी पर उसके मना करने का मेरे ऊपर कोई फर्क नहीं पड़ रहा था। मैंने उसके शर्ट के बटन खोल दिए और उसका मुँह मेरी तरफ करके बूब्स को पागलो की तरह चूसने लगा था। अब उसने विरोध करना बंद कर दिया था। क्युकी उसको बूब्स चुसवाने में बहुत मज़ा आने लगा था। मैंने उसको लंड के ऊपर बैठाया हुआ था। मेरा लंड पत्थर हो गया था, जिसको वो महसूस कर सकती थी और लंड पर अपनी गांड रगड़ने की कोशिश कर रही थी। अब उसकी चुत में भी खुजली चलने लगी थी। मैं खड़ा होकर मैन गेट के कुण्डी लगा दी और जाकर सीधे उसकी जीन्स और अंडरवेअर निकाल कर चुत को चूसने लगा, उसकी गुलाबी चुत को चूसने में बहुत मज़ा आ रहा था। मन कर रहा था की साली की चुत की चूसता रहु। मैंने लंड उसकी चुत पर रखा और झटके मरने लगा, मेरे को लगा की इसकी सील पैक है दर्द होगा लेकिन उसको बिलकुल भी दर्द नहीं हुआ, मैंने कहा साली सील कहा से तुड़वाई, उसने कहा कही से नहीं मैंने ही ऊँगली और गाजर से तोड़ ली। मैंने कहा बहुत चुदकड़ है तू साली। आज तेरी साड़ी प्यास बुझा दूंगा। मैंने उसको 40 मिनट तक अलग अलग पोजीशन में चोदा। उस दिन के बाद वो मेरी पत्नी बन गई है। साली को जब मन करता है तब पेलता हु। आप लोगो को मेरी कहानी कैसी लगी मेरे कमेंट करके जरूर बताये।
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