दोस्त हाज़िर हु अपनी कहानी लिए क्यों की जब मैं यहाँ दूसरों की कहानी पढता हु तो मेरा भी फ़र्ज़ बनता है की मैं भी अपनी कहानी आपलोगो से शेयर करूँ. ये स्टोरी मेरी बहन के साथ हुए एनकाउंटर की हे उसका रंग गोरा बाल काले ओर घुंघराले ओर फिगर की क्या बात करू दोस्तो देख के ही खड़ा हो जाय सभी का ओर उसी वक़्त मूठ मार लो उसका फिगर 34 28 36 हे हेना पर्फेक्ट सेक्स फिगर चलो देर ना करके सीधा स्टोरी पर आता हू
मैं मुंबई में रहता हु, और मैं जिगोलो हु, मैं अपने घर का खर्च भी उसी
से उठता हु, क्यों की मुझे अपने घर चलने के लिए काफी पैसे की जरूरत होती है
और कोई छोटी मोटी नौकरी में कितना कम लेगा इसलिए मुझे जिगोलो बनने के लिए
मजबूर होना पड़ा, पर मुझे मस्ती रहती है रोज रोज मैं भाभी आंटी लड़की को जो
की हॉस्टल में या किसी काम से मुंबई में रहती है, कॉलेज गर्ल को, बड़े घर के
औरत को जिसका पति बिज़नेस टूर पे हमेशा रहता है उसकी वाइफ को मैं चुदाई से
संतुष्ट करता हु और उसके बदले में मुझे पैसे मिलते है , मेरे घर मे मेरी मा
मैं बहन ओर पापा हे पापा एलेक्ट्रॉनिक डिपार्टमेंट मे है जिनकी सैलरी कुछ
खास नहीं हे |
इस साल ही मेरी बहन बारह्वी पास की तो मैंने उसको गिफ्ट में एक अच्छा सा मोबाइल फ़ोन गिफ्ट किया, रात को फिर वो मेरे पास आई और फिर एंड्राइड पे कुछ नयी नयी सॉफ्टवेयर डाउनलोड करने के लिए बोली.मैं उसके मोबाइल में सॉफ्टवेयर डालने लगा तभी मेरे क्लाइंट का फ़ोन आने लगा था, उसी समय मैं अपनी बहन की चूची देख ली उस समय वो एक ढीली ढली सी टी शर्ट पहनी थी मेरा मन तो बहक गया मैं क्या करता मेरा तो लैंड खड़ा होने लगा कोई चारा भी नहीं था मस्त मस्त गदराई हुयी सी चूची जो थी मैं भी क्या करता तुरंत बाथरूम में गया और मूठ मार ली. एक दिन मे अपन कमरे मे नंगा था कपड़े बदला रहा था तभी अचानक से वो कमरे मे घुस आई मे डोर लॉक करना भी भूल गया था ओर उसने मूज़े नंगा देख लिया फिर वो तुरंत ही चली गयी ओर बाद मे मुझे से माफी माँगी उसकी भूल केलिए मेने भी माफ़ कर दिया वो अपने न्यू सेल पे एक बार पॉर्न देख रही थी तो मेने देख लिया उसे लेकिन कुछ कहा नहीं क्यू की मे भी उसे चोदना चाहता था तो उसे गरम होने दे रहा था जैसे से ही उसने पॉर्न बंद की मे उसके पीछे से पास जाकर बैठ गया उसे ये लगा की मे उसे वीडियो देखते हुए देखलिया हे लेकिन मे अनजान बना रहा वो गरम हो चुकी थी ये देख के मेरा लंड पायजामे मे ही टेंट बना दिए था वो ये देख सके इसतरह मे पास ही बैठ गया ओर टीवी देख ने लगा बात बात ओर मैं उसके कमर ओर बदन को फील करने लगा ओर वो ओर गरम होती गई ऐसा व्यवहार मेने कई दीनो तक किया आख़िर सब्रका फल मीठा जो होता हे फिर उसकी नज़र मे मेने कुछ प्यास देखी की जो मे ही बुझा सकता था फिर मेने जान भुज कर जब मे क्लाइंट से बात करता तो वो सुन सके उस समय मैं और भी सेक्सी सेक्सी बात करता था.
आख़िर मे मेरा इंतजार खत्म हुआ ओर वो घड़ी आयी गई की जब मे उसकी चूत का
भोसड़ा बना डू उस रत मे अपने घर पर था ओर मां ओर पापा बाहर गये थे और वो एक
हफ्ते बाद आने वाले थे मेरी सिस का भी वाकेशन था सो वो भी घर पर ही थी हम
रोज रत को बाहर खाना खाने जाते थे मेरी बाइक पे तो मे जान बुजकर ब्रेक मरता
ताकि उसे गर्म कर सकु लेकिन वो भी क्या खुद को कंट्रोल करती थी उसे लंड की
प्यास थी लेकिन वो उस प्यास को बुझा ना ही नई चाहती थी फिर मेने वियाग्रा उसे रात को
खिलाई ओर बोला की इसे नींद अच्छी आती हे ओर उसके गरम होने का वेट किया
जैसे ही वो गरमा हुई मे उसके सामने नंगा हो गया ओर वो मेरा खड़ा लंड देख के
पागल हो गई ओर लोलीपोप की तरह चूस ने लगी दोस्तो क्या बतौ की क्या मज़ा
अरहा था जैसे जन्नत मे हू मे फिर मेने उसको लेटया ओर उसकी अनचुई चूत को चाट
कर मज़ा लिया मे ओर उसको सातवे आसमान की सेर कराई
फिर हमारा रीलेशन ही बदल सा गया हो फिर वो रह नहीं पा रही थी मेरे लंड
की बगैर वो मुझे ज़ोर ज़ोर से बोल रही थी की मे कब से तेरे से चुदबाना
चाहती थी आज मेरी ये ख्वाहिस पूरी कर दे ओर मेरी चूत को फाड़ दे मेरी चूत
चोद दे उसे भोसड़ा बना दे मुझे आज कच्ची कली से फूल ओर देरी मत कर फाड़ दे
चूत मेरी ये सब सुन कर मुज मे नया जोश जेसे अगया हो वो पहली बार चुद रही थी
इसलिए मेने पास मे रखी पेट्रोलियम जेल ली ओर थोड़ी उसकी चूत पर ओर मेरे लंड प्र ल्गाई पहले तीन चार धक्के मारे लेकिन
लंड फिसल ही जाता था फिर क्या जैसे मे भाभी को चोदता वैसे ही लॅंड लगाया
चूत पे ओर ज़ोर का ढाका मारा पूरा लंड एक जटके मे अंडर गुसा दिया ओर जैसे
ही मेरा लंड घुसा कुछ फटा हो ऐसा महसूस हुवा मुहे ओर मे समझ आ गया की मेने
इसकी सील तोड़ दी ओर वो ज़ोर से चिल्ला उठी ओर बोलने लगी की निकालो अपने
लण्ड को मेरे चूत से बहुत दर्द हो रहा है, मैं रो दूंगी प्लीज निकालो मुझे
सहन नहीं हो रहा है.
फिर मे उसी पोज़िशन्स मे रहा ओर उसका मूह अपने मूह से बाँध किया वो थोड़ी देर तड़पदै बाद मे नॉर्मल हो गई उसकी आँख से आँशु निकल गये थे फिर मे उसे धीरे धीरे फिर से उसके चूत में डालने लगा और उसकी चूची को दबाने लगा, वो फिर भी दर्द से कराह रही थी पर करीब दस मिनट के बाद वो नार्मल हो गयी और फिर वो अपना गांड उठा उठा के चुदवाने लगी, मैंने उसको फिर अलग अलग पोसिशन में चुदाई की, और चूच के निप्पल को अपने दांत से दबाता तो वो और भी कामुक हो जाती.
उस दिन मैंने कई बार उसको चोदा उस दिन वो ठीक से चल भी नहीं पा रही थी क्यों की वो काली से फूल बानी थी, उसके चूत में कॅाफ़ी दर्द हो रहा था, फिर शाम को मैंने दर्द की टेबलेट के साथ साथ मैंने गर्भ निरोधक गोली भी खिलाया ताकि वो प्रेग्नेंट ना हो जाये, फिर क्या अब तो मैं रोज उसको चोदता हु,
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