दोस्तों, आज मैं भी आपके लिए एक कहानी लेके आया हु, और ये कहानी मेरी बहन के बारे में है. आज मैं भी आपके सामने एक सच्ची कहानी पेश कर रहा हु, आशा करता हु की नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम के दोस्तों के ये अच्छी लगेगी.
ये कहानी आज से एक साल पहले की है. वो दिन भी सर्दियों का था, जब मैं अपने गाँव गया था कॉलेज का एग्जाम ख़तम होने के बाद. वो रात आज भी वैसे ही याद है जैसा की कल की ही बात हो. और शायद वैसा दिन फिर मेरे ज़िन्दगी में कभी नहीं आएगा. चाहे जो भी हो जाये, दोस्तों उस रात को मैं कभी भी नहीं भुला पाउँगा, मैं चाहता भी नहीं हु की मैं उस रात की बात को भुला दू.
अब मैं सीधे कहानी पर आता हु।
दोस्तों मेरा नाम सुनील है. और मेरी बहन का नाम कशिश, देखने में मेरी बहन किसी हीरोइन से कम नहीं है, दोस्तों सच बताता हु, वो अभी सनी लेओनी की तरह लगती है. वैसे ही हैं नक्स, बूब्स, बाल, होठ, चूतड़, जंघे और कजरारी आँखे के साथ साथ पिंक पिंक होठ, अब तो समझ ही गए होंगे दोस्तों, कैसी माल है. सच बताऊँ तो टंच माल इससे ही कहते है. जब से वो जवानी की दहलीज पर कदम रखा था, मुझे किसी गर्ल फ्रेंड की जरूरत नहीं पड़ी. क्यों की मैं अपनी बहन की याद में ही रहता था और उसी के बारे में सोच कर मूठ मार लिया करता था. तो दोस्तों जैसा की आपको पता है मैं गाँव कॉलेज के एग्जाम के बाद आया था. मेरे यहाँ दो ही कमरे थे और कड़ाके की सर्दी पड़ रही थी.
मम्मी पापा एक कमरे में सोये थे और ऊपर का कमर में मेरी बहन सोती थी. निचे ही मोटा सा गद्दा लगा हुआ था, माँ ने एक और रजाई निकाल दी. यानी की मुझे अलग रजाई दे दी. और बहन को अलग रजाई, बिच में काफी जगह था क्यों की गद्दा बहूत बड़ा था. ठण्ड काफी हो रही थी. मैं रजाई के अंदर ही जिओ का सिम से इन्टरनेट चला रहा था, और नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम पे कहानी पढ़ रहा था, अचानक मुझे एक भाई बहन की चुदाई की कहानी मिली, मैं हैरान रह गया था कहानी पढ़कर क्यों की बहन और भाई दोनों रात में चुदाई करते थे और दिन में भाई बहन की तरह रहते थे. यानी की उनका काम भी हो रहा था और बाहर मुह भी नहीं मरना पड़ रहा था । दोस्तों मुझे तो अच्छा लगा आईडिया, मैंने तो सोचने लगा की काश मैं भी अपनी जबरदस्त बहन को चोद पाता।
दोस्तों मैं कहानी पढ़ते पढ़ते अपना लण्ड हाथ में पकड़ लिए और धीरे धीरे हिलाने लगा. दोस्तों फिर मैंने अपना मुह रजाई से बाहर निकाला और देखा तो शायद मेरी बहन अपने चूत में ऊँगली कर रही थी और चूचियां दबा रही थी. मैं तो हैरान हो गया, दो जिस्म और दोनों तड़प रहा था. मुझे तो लगा की रजाई फेंक कर तुरंत ही अपने बहन के चूत में लण्ड पेल दू. दोस्तों पर मैं थोड़ा हिम्मत से काम लिया, क्यों की मेरे गुरु जी कहते है. इंतज़ार करो और किसी चीज में जल्दी बाजी मत करो, मैंने सोच लिया की जल्दीबाजी नहीं करनी है. दोस्तों मैं तो मान गया पर मेरा लण्ड बहनचोद, बार बार खड़ा हो रहा था, करीब २ घंटे तक मैं यों ही जगा रहा था फिर मैंने मन बना लिया की अब तो पेल ही दू.
दोस्तों मैंने अपने रजाई से निकल कर अपने बहन की रजाई में चला गया. और करीब आधे घंटे तक यों की चुपचाप पड़ा रहा अपने लण्ड को सहलाता रहा, मेरी बहन की गरम गरम जिस्म और साँसे मुझे बैचेन कर रही थी. मैं धीरे धीरे अपने बहन के चूचियों को सहलाना शुरू कर दिया. फिर धीरे धीरे टीशर्ट को ऊपर कर दिया और फिर मैंने tep के अंदर से मैंने चूचियों को छूने लगा. और मसलने लगा. उसके बाद दोस्तों क्या बताऊँ मेरे बदन में आग लग गई, गजब की टाइट टाइट चूचियां थी. मैंने तो बेख़ौफ़ होकर चूचियों को दबाने लगा और फिर पिने लगा. मेरी बहन चुपचाप वैसे ही लेटी थी. बस उसकी साँसे और तेज तेज चलने लगी. उसके बाद मैंने उसका पजामा का नाडा ढीला कर दिया और हाथ सीधे अपने बहन की जांघियां में घुसा दिया.
ओह्ह्ह्ह माय गॉड. क्या बताऊ दोस्तों मैं हैरान रह गया, ओह्ह्ह्ह चूत पूरी गीली, गरम ऐसे की आग से तप रही हो. ओह्ह्ह्ह्ह्ह मुझे तो ऐसा लगा की जन्नत मिल गया, मैंने थोड़ा अपने पे काबू रखा और फिर, मैंने धीरे धीरे उसके कपडे उतार दिए, वो ऐसे सोई थी जैसे की वो नशे में हो. पर मुझे पता था वो सो नहीं रही थी अब. वो भी मेरे लण्ड का मजा लेने को कर रही थी क्यों की वो बार बार अपने पैर को कभी हाथ को मेरे लण्ड पर रख देती थी.
दोस्तों ऐसे आपको पता होगा जगे हुए और सोये हुए लोगो की साँसे अलग अलग
तरीके से चलती है. दोस्तों उसके बाद मैंने अपने बहन के ऊपर चढ़ गया. और फिर
क्या था चूचियां मसलते हुए होठ को चूसने लगा. ओह्ह्ह्ह क्या होठ का रस था.
दोस्तों उसके बाद मैंने उसके पैर को अलग अलग किया, और फिर अपना लण्ड उसके
चूत के ऊपर लगाया और फिर जोर से एक धक्का मारा और मेरा लण्ड पूरा उसके चूत
में समा गया.
वो बस एक आह की आवाज की और फिर हौले हौले से वो भी गांड को उठा उठा कर साथ देने लगी. वो मुझे अपने पैरों से मुझे लपेट ली. और मैं उसके चूत में अपना मोटा तगड़ा लण्ड पेलने लगा. अब हम दोनों भाई बहन एक दूसरे को साथ देने लगे और जोर जोर से धक्के देने लगे. दोस्तों करीब तिस मिनट में हम दोनों झाड़ गए, पहले वो भी शांत हुई और फिर मैं, अपना पूरा माल उसके चूत में डाल दिया, वो फिर मुझे पकड़ कर सो गई. मैंने फिर से उसको सहलाने लगा और आधे घंटे में फिर से मेरा लण्ड खड़ा हो गया और फिर अब मैंने पीछे से उसको चोदने लगा. दोस्तों क्या चूत क्या बूब्स मजा आ गया था, फिर मैं ऐसे सोया की सुबह ही उठा, जब उठा तो देखा की मेरी बहन पहले ही जा चुकी थी.
मेरी बहन मेरे लिए एक कागज़ का टुकड़ा लिखा हुआ छोड़ गई, मैंने देखा उस कागज़ पर लिखा था. ‘हम दोनों कभी भी दिन में ऐसा कुछ भी नहीं करेंगे और एक भाई बहन की तरह ही रहेगे, जैसा की आज तक रहते आये है. पर रात में जो मर्जी करो मैं नहीं रोकूंगी. रात के लिए धन्यवाद.
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