Wednesday, 25 June 2025

बुआ की लड़की कीचुदाईपहली रात को

300*250

 

यह कहानी मेरी और मेरी बुआ की लड़की की है।
माय सेक्स विद सिस कहानी आज से चार साल पुरानी है।

उस समय मेरी उम्र 19 साल थी, और मैंने जवानी में कदम रखा था।

मेरी बुआ की लड़की का नाम ललिता है।
उसकी उम्र अभी 22 साल है।
उसकी लंबाई थोड़ी कम है लेकिन उसका कामुक शरीर किसी का भी लंड खड़ा कर सकता है।
उसका फिगर 36-30-34 है।

बात उस समय की है जब मैं अपने मामाजी के घर पर रहता था।

मैंने पढ़ाई पूरी कर ली थी और जॉब शुरू कर दी थी।
मेरी जॉब वहाँ से थोड़ी दूर थी।

मेरी बुआ ने कहा, “यहीं रहने आ जा, मनीष! यहाँ से तो तेरी जॉब बस 1 किलोमीटर दूर है।”

बस, फिर क्या था? मैं बुआ के घर रहने चला गया और वहीं से जॉब पर जाने लगा।

बुआ के परिवार में बुआ, उनके पति, एक लड़का और दो लड़कियाँ थीं।
बड़े लड़के और बड़ी लड़की की शादी हो चुकी थी।
छोटी लड़की, यानी ललिता, अभी बाकी थी।

वैसे तो मैंने कभी ललिता को गलत नजर से नहीं देखा था।
लेकिन एक दिन की बात है, जब सर्दी का मौसम था।

उस रात सब लोग सो रहे थे।
बुआ का लड़का, ललिता और मैं बीच वाले कमरे में सो रहे थे।
बुआ और उनके पति अंदर वाले कमरे में थे।

सर्दी बहुत थी, तो सब कंबल ओढ़कर सो रहे थे।
ललिता मेरे पास ही सो रही थी और उसका भाई उसकी दूसरी तरफ था।

रात के 12 या 1 बजे होंगे।
सब लाइटें बंद थीं।

अचानक मेरी नींद खुल गई।
मुझे नींद नहीं आ रही थी।

बाहर जाने की सोची, लेकिन ठंड बहुत थी।
इसलिए मैं बिस्तर में ही लेटा रहा।

तभी अचानक ललिता ने अपना पैर मेरे पैर के ऊपर रख दिया।
मैंने उसकी तरफ देखा।
उसकी नाइट टी-शर्ट उसके बूब्स तक ऊपर चढ़ गई थी।

मैं उसे देखता रहा।
माय सेक्स विद सिस का ख्याल मेरे मन में आया और मेरे लंड में तनाव आने लगा, जैसे वह मेरे नाइट पैंट को फाड़कर बाहर आ जाएगा!

वह गहरी नींद में थी।
फिर मैंने थोड़ी हिम्मत करके अपना हाथ उसके बूब्स पर रख दिया और धीरे-धीरे दबाने लगा।

आह्ह्ह! कितने मुलायम थे उसके दूध! मैं उन्हें सहलाता रहा।

तभी वह अचानक सीधी लेट गई।
मैंने अपना हाथ वैसे ही रखा, ताकि उसे लगे कि मैं नींद में हूँ।

थोड़ी देर बाद मैंने उसका पेट सहलाते हुए अपनी उंगलियाँ उसकी टी-शर्ट के अंदर डाल दीं और धीरे-धीरे उसके बूब्स की तरफ बढ़ने लगा।
हम सब रात में नाइट ड्रेस पहनकर सोते थे।
उसने ढीला लहंगा और टी-शर्ट पहनी थी।

मैंने धीरे-धीरे अपना हाथ उसके बूब्स तक पहुँचाया।
फिर उसकी टी-शर्ट को ऊपर तक उठा दिया और उन्हें सहलाने लगा।

तभी उसने करवट बदली और मेरी तरफ मुँह करके सो गई।

मुझे समझ आ गया कि वह सोने का नाटक कर रही है!

मैंने उसका हाथ पकड़ा और अपने लंड पर रख दिया।
फिर मैंने अपना हाथ उसके लहंगे में डालना शुरू किया, उसका नाड़ा खींचकर मैंने लहंगा नीचे सरका दिया और फुफेरी बहन की चूत पर हाथ रख दिया।

वह सिहर उठी!
उसने मेरे लंड को जोर-जोर से दबाना शुरू कर दिया।
मैंने उसका हाथ पकड़कर अपने पैंट के अंदर डाल दिया और सहलाने को कहा।

वह मेरे लंड को सहलाने लगी।
मैंने अपने होंठ उसके होंठों पर रख दिए और उसे चूमना शुरू कर दिया।
वह भी मेरा पूरा साथ देने लगी।

मेरा एक हाथ उसके बूब्स पर था और दूसरा उसकी चूत पर।

उसकी चूत गीली हो चुकी थी।
मुझे अपने हाथ पर उसका एहसास हो रहा था।

मैंने उससे कहा, “ललिता, मेरा लंड चूसो!”
वह मना करने लगी।

तब मैंने भी ज्यादा जोर नहीं दिया, वरना सारी रात मुझे ऐसे ही सोना पड़ता।

उस रात जल्दबाजी में चुदाई करनी पड़ी थी।

फिर मैंने उसका लहंगा बिस्तर में ही पूरा नीचे कर दिया।

मैंने अपने लंड पर थूक लगाया और उसकी टाइट चूत, जो पहले से गीली थी, पर रगड़ने लगा।

वह मुझे कसकर पकड़कर बोली, “मनीष, मुझे और मत तड़पाओ!”

मैंने देर न करते हुए अपने लंड को उसकी चूत पर रखा और धीरे-धीरे दबाने लगा।
लंड धीरे-धीरे अंदर जाने लगा।

वह चीखने वाली थी लेकिन मैंने तुरंत उसे चूमना शुरू कर दिया ताकि उसकी चीख बाहर न आए।

बस, फिर क्या … मैंने सोते हुए ही उसकी चूत को खोदना शुरू कर दिया।

थोड़ी देर में वह झड़ने वाली थी।
वह मेरे कान में बोली, “मनीष, मैं झड़ने वाली हूँ!”

वह जोर-जोर से कामुक आवाजें निकाल रही थी।
फिर वह झड़ गई।

मैंने अपनी चुदाई जारी रखी।

जब मेरा होने वाला था, मैंने पूछा, “ललिता, कहाँ निकालूँ?”

वह बोली, “अंदर ही निकाल दो! बाहर निकाला तो बिस्तर खराब हो जाएगा!”

मैंने 10-15 जोरदार धक्के मारे और मैं भी झड़ गया।
फिर हम थोड़ी देर तक ऐसे ही किस करते रहे।

सुबह जब हम उठे, तो हमने ऐसे व्यवहार किया जैसे रात को कुछ हुआ ही नहीं।

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