फिर हम गाड़ी में बैठे और चल दिए। कुछ ही देर में हम शादी समारोह में
पहुंच गए। वहां हमें काफी लोग जानते थे। हम सब से मिल रहे थे, और आपस में
किसी-किसी का मज़ाक भी उड़ा रहे थे। बहुत मजा आ रहा था।
फिर फेरों का टाइम हुआ और दुल्हन को लाया गया। वो काफी खूबसूरत लग रही
थी (सब मेकअप का कमाल होता)। मेरा भाई उसको घूर कर देख रहा था। फिर वो मुझे
बोला-
भाई: दीदी आज तो दूल्हे के मजे ही मजे है।
मैं: तुझे इतना मजा क्यों आ रहा है?
भाई: फिलहाल तो देख कर ही मजा ले सकते है।
और हम दोनों हंसने लगे। फिर कुछ देर बाद जब फेरों का टाइम हुआ, तो मैं
टेबल से उठी, और भाई को साथ चलने को कहा फेरे देखने। मैंने देखा भाई की नज़र
में गांड पर थी। ये देख के मैंने कहा-
मैं: मैं दुल्हन नहीं हूं भाई। चल चलते है वहां।
वो बोला: तुम भी जिसकी दुलहन बनोगी, उसके भी मजे होंगे।
हम दोनों फिर से हंस दिए, और वो खड़ा हो कर मेरे साथ चल पड़ा। अब हम
फेरों के पास खड़े थे। वहां भीड़ थी, तो सब चिपक के खड़े थे, और
दूल्हा-दुल्हन पर फूल बरसा रहे थे। मेरा भाई मेरे पीछे खड़ा था। तभी अचानक
मुझे उसका सख्त लंड अपनी गांड पर महसूस हुआ। मैं समझ गई कि वो उत्तेजित हो
चुका था, और मुझसे मजे लेने की कोशिश कर रहा था। लेकिन एक बहन होने के नाते
मैं थोड़ा आगे हो गई।
इसे भी पढ़े – सीलपैक चूत का उद्घाटन करवाया चचेरे भाई से
कुछ सेकंड्स बाद उसने फिर से अपना लंड मेरी गांड पर चिपका दिया। उसका
लंड बहुत सख्त था। इस बार जब मैं आगे होने लगी, तो उसने मेरी कमर पर दोनों
तरफ हाथ रखे, और पीछे की तरफ कर लिया। इससे उसका लंड बिल्कुल मेरी गांड के
चीर में फिट हो गया। ठंड के मौसम में तो वैसे ही चूत जल्दी गरम हो जाती है।
और जब इतना सख्त लंड होगा तो कोई कैसे खुद पर कंट्रोल रखेगा?
तो मेरा भी कंट्रोल चला गया, और मैंने भी मजे लेने की सोची। अब मैं अपने
आप से अपनी गांड उसके लंड पर दबाने लगी। वो भी समझ गया कि मैं गरम हो चुकी
थी, तो उसने अपने हाथ मेरी टीशर्ट के अंदर डाल लिए, और मेरी कमर सहलाने
लगा।
आह! क्या जबरदस्त उत्तेजित करने वाला पल था वो। भाई का लंड गांड में
जाने की कोशिश कर रहा था, और उसके ठंडे हाथ कमर को सहला रहे थे। मेरी चूत
ने पानी छोड़ना शुरू कर दिया था। अब हमें चुदाई करने से रोक पाना मुश्किल
था।
वहां पर रुकने के लिए कमरों का भी बंदोबस्त किया गया था। क्योंकि धुंध
वाले दिन थे, तो अगर कोई रात में नहीं जाना चाहता था, तो वहां रुक सकता था।
हमने भी घर पर धुंध का बहाना लगा दिया, और वहां से एक कमरे की चाबी लेली।
कमरे तक जाते हुए भाई ने मेरी कमर में हाथ डाले रखा।
फिर जैसे ही हम कमरे में गए, भाई ने दरवाजा बंद किया, और हमने एक-दूसरे
की आंखों में देखा। हमारी आंखों में एक-दूसरे के लिए वासना साफ नज़र आ रही
थी। फिर भाई मेरी तरफ बढ़ने लगा, और मैंने बाहें खोल कर उसका स्वागत किया।
हम दोनों के होंठ चिपके, और होंठों के रस कर आदान-प्रदान शुरू हो गया।
रस पीते हुए हम दोनों एक-दूसरे के पूरे जिस्म को सहला रहे थे। भाई कभी
पीठ सहलाता, तो कभी चूतड़ दबाने लगता। बहुत उत्तेजना भर गई थी मेरे अंदर।
फिर मैं जल्दी से किस्स छोड़ कर अपने घुटनों पर बैठी, और भाई की जींस और
अंडरवियर नीचे करके उसका लंड बाहर निकाल लिया। लड़कियां दीवानी हो जाए, ऐसा
लंड है मेरे भाई का। मैंने देखते ही लंड मुंह में डाला, और उसको चूसने
लगी। भाई आह आह करने लगा।
कुछ देर बाद भाई ने मुझे उठाया, और मुझे बिस्तर पर उल्टा लिटा दिया। फिर
वो पीछे से मेरी जांघों को चूमता हुआ मेरी गांड तक आ गया। उसके बाद उसने
मेरी लेगिंग्स नीचे की, और मैंने गांड उठा कर उसकी मदद की। लेगिंग्स उतरते
ही उसने मेरी पैंटी भी उतार दी।
अब मैं उसके सामने उल्टी लेटी थी, और नीचे से पूरी नंगी थी। भाई ने मेरी
टांगे थोड़ी खोली, और मेरी गांड में मुंह डाल कर मेरी चूत चाटने लगा। मैं
तो आनंद के सातवें आसमान पर थी जैसे। कुछ देर चाटने के बाद वो मेरे ऊपर
आया, और पीछे से ही लंड मेरी चूत में घुसा दिया। दोस्तों इस पोजीशन में चूत
टाइट होती है, तो लंड काफी रगड़ मचाता है। मुझे दर्द होने लगा, और मजा भी
आने लगा।
इसे भी पढ़े – बुआ की सेक्सी बेटी को चोदा पटाकर
फिर वो धीरे-धीरे मुझे चोदने लगा। बहुत मज़ा आ रहा था। भाई अपनी स्पीड
तेज़ करता जा रहा था। जब चुदाई फुल स्पीड पर चल रही थी, तो मैं झड़ गई।
लेकिन भाई नहीं झड़ा, और मुझे चोदता रहा। अब मेरी चूत दर्द होने लगी थी, तो
मैं चिल्लाने लगी। भाई ने मेरा मुंह तकिए में दबा दिया, और ताबड़तोड़ मेरी
चूत चुदाई करता रहा। 15 मिनट घमासान मचाने के बाद उसने लंड बाहर निकाला,
और मेरी गांड पर झड़ गया।
फिर उसने खड़े हो कर कपड़े पहने, और मुझे घर चलने के लिए बोला। मैंने भी अपने कपड़े पहन लिए, और हम घर वापस आ गए।
0 Comments