Monday, 18 December 2017

10th की छात्रा की कुँवारी चुत की चुदाई 1

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हैल्लो दोस्तों, Hindi sex stories best मेरा नाम दीपक है और में एक बार फिर से आप सभी अन्तर्वासना पोर्न स्टोरीज डॉट कॉम पर सेक्सी कहानियों के मज़े लेनें वालो की सेवा में अपनी एक चुदाई की सच्ची घटना लेकर आया हूँ जिसमें मैंनें अपनी एक गर्लफ्रेंड की बड़ी मस्त चुदाई के मज़े लिए| दोस्तों यह कहानी मेरी पहली बार सेक्स करनें के बारे में है और उस समय में अपनी 10th क्लास के पेपर की तैयारी कर रहा था और वो जनवरी का महिना था इसलिए ठंड उन दिनों कुछ ज्यादा ही पड़ रही थी| में हर दिन जल्दी सुबह के समय अपनी एक ट्यूशन के लिए जाता था और हमारी उस क्लास में बहुत सारी लड़कियाँ भी पढ़नें आती थी| दोस्तों उन सभी लड़कियों में से एक लड़की का नाम संगीता था, वो दिखनें में बहुत सुंदर तो थी, लेकिन उसके वो गोरे एकदम गोलमटोल बूब्स हमारी उस क्लास और स्कूल में भी सबसे अच्छे थे और उस समय में भी पढ़नें वहीं जानें लगा था| दोस्तों मेरा शरीर भी बहुत अच्छा गठीला भी बहुत था इसलिए हर एक लड़की मेरे से आकर्षित हुआ करती थी और वैसे उस समय बहुत ही कम लड़के कसरत करनें जाते थे इसलिए मेरा बदन सबसे अलग हटकर था और वैसे में पढ़ाई करनें में भी अपनें पूरी क्लास में टॉपर में से एक था|
दोस्तों वो लड़की मेरी तरफ बहुत ज्यादा हर बार मुड़कर देखा करती थी और वैसे में भी उसके साथ दोस्ती करना चाहता था, लेकिन में आगे होकर उसको यह बात बोल नहीं सकता था इसलिए में बहुत दिनों तक चुप ही रहा| अब वो हर कभी मुझे देखकर मुस्कुरानें पलट पलटकर देखनें और मुझसे बातें करनें के कोई ना कोई मौके देखनें लगी थी और में उसके मन की उस बात को समझकर खुश होनें लगा था, इसलिए अब कभी कभी हमारे बीच बातें हंसी मजाक भी होना शुरू हो गया था| फिर एक दिन मेरे सर नें तीन तीन छात्रों के ग्रुप बना दिए| दोस्तों क्योंकि में अपनें सर का सबसे अच्छा प्यारा छात्र था, इसलिए मेरे सर नें मेरे उस ग्रुप में दोनों लड़कियों को डाल दिया| अब हम तीनों एक साथ बैठकर पढ़ाई से ज्यादा बातें हंसी करनें लगे थे| उसी में एक लड़की का नाम सुमन था| दोस्तों शायद संगीता नें सुमन को मेरे बारे में कुछ बोल दिया था इसलिए सुमन हमेशा संगीता की बहुत तारीफ और उसी के बारे में मेरे सामनें ज्यादा बातें करती थी| अब सही मौका मिलनें पर संगीता और में एक साथ बैठकर बातें मजाक भी करते थे, इसलिए हमारी दोस्ती धीरे धीरे गहरी होकर प्यार में बदलती जा रही थी|
एक बार मेरा हाथ उसके हाथ से छू गया और उसनें नाराज ना होकर थोड़ा सा मुस्कुरा दिया, लेकिन में अचानक हुई इस घटना की वजह से बहुत डर रहा था, लेकिन दोस्तों उसकी तरफ से कोई भी विरोध ना देखकर मेरी हिम्मत अब धीरे धीरे बढ़नें लगी थी| फिर धीरे धीरे मेरे पैर भी उसके पैर को छूनें लगे थे, लेकिन अब भी उसकी तरफ से विरोध ना पाकर में अब जानबूझ कर उसके साथ वो सभी हरकते करनें लगा और वो भी मेरे साथ मज़े मस्ती करनें लगी थी जिसकी वजह से अब हर दिन मेरा लंड खड़ा हो जाता था| फिर एक दिन ट्यूशन में हम दोनों सबसे पहले पहुंच गये और एक दूसरे को अकेले में पाकर मन ही मन खुश होकर साथ में बैठकर बातें करनें लगे| अब उसनें मुझसे कहा कि तुम हर कभी मेरे पैर पर अपनें पैर को क्यों लगाते हो, में बहुत अच्छी तरह से जानती हूँ कि तुम ऐसा जानबूझ कर करते हो और तुम्हारे मन में क्या चल रहा है उसके बारे में भी में बहुत अच्छी तरह से समझती हूँ| दोस्तों में उसके मुहं से इतना सब सुनकर बहुत डर गया और चिंता की वजह से मेरे माथे से पसीना बहनें लगा था| अब वो मेरी उस हालत को देखकर एकदम से हंसनें लगी और फिर उसी समय वो ज़ोर से हंसते हुए मुझसे कहनें लगी कि कोई बात नहीं, मुझे तुम्हारा यह सब करना अच्छा लगता है|
दोस्तों बस फिर क्या था? मैंनें उसको खुलकर कह दिया कि मुझे भी तुम्हारे साथ मस्ती करना बहुत अच्छा लगता है और तुम भी मुझे बहुत अच्छी लगती हो| अब वो मेरे मुहं से यह बात सुनकर दोबारा पागल की तरह हंसनें लगी थी और वो मुझसे बोली कि धीरे बोलो वरना कोई तीसरा भी यह बात सुन लेगा| फिर मैंनें खुश होकर कहा कि हाँ तुम आज सबको यह बात सुननें दो और तभी सुमन भी आ गई| फिर हम साथ में बैठकर पढ़ाई करनें लगे और अब मेरा वो डर भी कुछ कम हो गया था| फिर मैंनें उसी क्लास में मौका देखकर तुरंत ही उसका एक हाथ पकड़ लिया, लेकिन उसनें मुझसे कुछ नहीं बोला और उसी समय मैंनें उसको कहा कि तुम हर दिन ऐसे ही जल्दी आ जाया करो| अब वो मेरे मुहं से यह बात सुनकर ज़ोर से हंसनें लगी और फिर बिना कुछ बोले वो अपनी पढ़ाई करनें लगी और कुछ घंटे हमारे साथ पढ़नें के बाद वो उस दिन बहुत खुश होकर अपनें घर चली भी गयी| दोस्तों हमारी उस पहली घटना के बाद में भी मन ही मन बहुत खुश था, क्योंकि अब मुझे उसको पानें का सही समय पास आता नजर आनें लगा था और में पूरी रात उसके विचारों को लिए सोचता ही रहा|

फिर में दूसरे दिन हमारी अगली क्लास में सबसे पहले चला गया और थोड़ी देर के बाद वो भी आ गयी| अब में उसको देखकर बहुत खुश था और उसके आते ही मैंनें उसका एक हाथ पकड़ लिया और छूकर महसूस किया कि वो बहुत ही मुलायम था| अब उसको मैंनें अपनी तरफ खींच लिया, उसनें तभी मेरे हाथ को अच्छी तरह से कसकर पकड़ लिया और थोड़ी देर तक हम दोनों ऐसे ही बातें करते रहे| अब आगे बढ़कर उसनें मेरे गाल पर पहला वो किस किया, जिसके बाद मेरी ख़ुशी और हिम्मत अब इतनी बढ़ चुकी थी कि में अब उसके साथ कुछ भी करनें से पीछे नहीं हटनें वाला था| अब में भी उसके चेहरे को अपनें दोनों हाथों से पकड़कर, उसके नरम होंठो को चूसनें लगा था और ऐसा करनें में हम दोनों को बड़ा मज़ा आ रहा था और हमारा वो चूमना पांच मिनट चला| फिर उसके बाद सभी के आ जानें के बाद हम पढ़ाई करनें लगे थे| दोस्तों अब हम दोनों इतना पास आ चुके थे कि हम दोनों अब हर दिन सबसे पहले पहुंचकर ऐसा ही करनें लगे थे और अब हम सेक्स की बातें भी करनें लगे थे, क्योंकि ऐसा करनें में हम दोनों को बहुत मज़ा आनें लगा था| फिर एक दिन उससे मुझसे क्लास में बोला कि आज मेरे घर पर कोई नहीं है मेरे घर वाले किसी काम से बाहर जा रहे है और वो मुझसे देर रात तक वापस आनें के लिए कहकर जा चुके होंगे इसलिए में आज पूरा दिन अपनें घर में अकेली ही रहूंगी| दोस्तों ये कहानी आप अन्तर्वासना पोर्न स्टोरीज डॉट कॉम पर पड़ रहे है|
दोस्तों फिर क्या था? में उसका वो इशारा और इतना अच्छा मौका पाकर मन ही मन बहुत खुश था, क्योंकि अब मुझे उसके साथ चूमनें बाहों में भरनें से कुछ ज्यादा ही करनें का मौका जो मिल गया था| अब में मन ही मन उसके साथ चुदाई करनें में विचार बनाकर सपनें देखनें लगा था| दोस्तों वैसे हम दोनों नें ही अभी तक पहले कभी सेक्स नहीं किया था, लेकिन हमारे मन में उस काम को एक बार जरुर करनें की इच्छा थी| फिर में उसके बताए ठीक समय पर उसके घर चला गया और मैंनें जाकर देखा कि वो वहां पर मेरा इंतज़ार कर रही थी और बहुत ही सुंदर हॉट सेक्सी लग रही थी| फिर घर के अंदर जाते ही मैंनें तुरंत दरवाजा बंद करके उसको अपनी बाहों में भरकर चूमना प्यार करना शुरू कर दिया, मेरे उस काम को करनें में उसनें भी जोश में आकर मेरा पूरा साथ देकर मेरे मन को खुश कर दिया, इसलिए में उसके साथ अब पहले से ज्यादा खुश होकर बिना किसी डर के उसको चूमनें के साथ ही अब कपड़ो के ऊपर से उसके उभरे हुए गोल बूब्स जो अभी अभी जवान होकर अपना आकार बदलनें लगे थे, में उसके दोनों बूब्स को भी बारी बारी से दबा सहला रहा था|

दोस्तों करीब दस मिनट तक एक दूसरे से लिपटकर पागल हो जानें के बाद हम दोनों का जोश इतना बढ़ गया कि जोश में अपनें होश खोकर मैंनें बिना देर किए उसके सारे कपड़े एक एक करके उतार दिए| दोस्तों उसको जब पहली बार मैंनें बिना कपड़ो के एकदम नंगा देखा तो में उसकी सुंदरता को बहुत देर तक चकित होकर देखा ही रहा, क्योंकि वो अब बहुत ही सुंदर नजर आनें के साथ साथ कामदेवी की तरह लग रही थी| फिर मैंनें तुरंत ही अपनें भी कपड़े उतार दिए और मुझे अब अपनें सामनें उसका वो गोरा चिकना बदन छोटे आकार के उठे हुए बूब्स और नीचे की तरफ उसकी गोरी गदराई हुई जांघो के बीच में एकदम चिकनी कुंवारी चूत जो मुझे लगातार अपनी तरफ आकर्षित करनें लगी थी| दोस्तों में उसका वो सेक्स बदन देखकर पागल हुआ जा रहा था, इसलिए मैंनें उसके बूब्स को सहलाना शुरू कर दिया था और मौका देखकर में उसकी चूत को भी अपनें एक हाथ से सहलानें लगा था| अब मेरे उसके साथ यह सब करनें की वजह से उसके मुहं से सिसकियों की आवाज़ निकलनें लगी थी और उसी मैंनें उसके एक हाथ में मैंनें अपना लंड दे दिया जिसको वो भी सहलानें लगी थी|
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