दोस्तो|| मैं आपका संचित|| फिर से हाजिर हूँ|| अपनी एक नई कहानी के साथ||
मैं तलवाड़ा! होशियारपुर(पंजाब) का रहनें वाला हूँ|| बात उस समय की है जब मैं MCA कर रहा था और ये घटना मेरी पिछली कहानी शिवानी की सील तोड़ चुदाई में शिवानी को चोदनें के थोड़े दिनों के बाद की है||
मैं एक दिन कॉलेज़ नहीं गया था और घर में ही पोर्न फिल्म देख रहा था। तभी अचानक डोर:-बेल बजी।
मैंनें सोचा कोई पड़ोसी होगा इसलिए मैं मूवी को पॉज़ करके डोर खोलनें चला गया|| डोर खोला तो देखा कि मेरी मौसी की लड़की हमारे घर आई थी।
मौसी की लड़की की चूत की सील तोड़ी इस कहानी में मैंनें आपको बताया था की मेरी मौसी की दो लड़कियाँ है जिनमें से बड़ी की शादी हो चुकी है|| और वो शादी के बाद पहली बार घूमनें आई थी। जीजा जी को बाजार में कुछ काम था तो दीदी मम्मी से मिलनें आ गई।
वैसे दीदी मुझसे भी खुल कर बात करती थी। शादी से पहले तो वो साधारण ही लगती थी|| पर आज तो वो कमाल की लग रही थी|| पीले रंग के सूट सलवार में वो एक मस्त माल लग रही थीं।
दीदी घर पर आई तो मैं बहुत खुश हुआ|| मैंनें दीदी को नमस्ते की|| दीदी नें मुझसे पूछा:- मौसी और सब लोग कहाँ हैं?
मैंनें कहा:- दीदी|| घर में आज और कोई नहीं है। मम्मा:-पापा बुआ के घर गए है||
तो दीदी बोली:- और क्या चल रहा है आजकल फिर||?
मैंनें कहा:- दीदी कुछ नहीं|| बस इम्तिहान आनें वाले हैं|| तो पढ़ रहा हूँ।
लेकिन बातों:-बातों में मैं भूल गया कि अन्दर लैपटॉप पर पॉर्न मूवी चलती छोड़ आया हूँ।
जैसे ही दीदी नें कमरे में प्रवेश किया और मेरा लैपटॉप देखा तो मैं डर गया||
दीदी नें पूछा:- तो ये पढ़ाई कर रहा है तू?
मैंनें बहाना बनाया कि यह मेरी नहीं है मेरे दोस्त की है|| पढ़ाई कर के बोर हो रहा था|| तो सोचा की कोई मूवी देख लूँ|| पर मुझे नहीं पता था कि इसमें ये सब है।
दीदी नें मुझे शक भरी नजरों से देखा और बोलीं:- ज्यादा तेज मत बन||
फिर मैंनें बात बदलते हुए कहा:- दीदी आप पानी पियोगी?
तो दीदी नें बोला:- हाँ|| पिला दे|| और ए|सी| की कूलिंग थोड़ा बढ़ा दे।
मैं रसोई से पानी ले कर आ गया और देखा कि|| दीदी नें अपना दुपट्टा अलग रखा हुआ था और उनके मम्मे सूट से बाहर आते नजर आ रहे थे।
मैं बोला:- दीदी! पानी पी लो।

दीदी गुस्से में बोली:- यह तूनें क्या किया?
मैं ‘सॉरी||सॉरी||’ करता रहा।
दीदी बोली:- चल कोई बात नहीं||
फिर उन्होनें जीजू को फोन किया और कहा:- मैं मौसी के साथ कहीं जा रही हूँ|| संचित मुझे शाम को छोड़ जाएगा||
इतना कह कर उन्होंनें फोन काट दिया।
लेकिन मुझे कुछ समझ नहीं आया कि दीदी के मन में क्या चल रहा था।
फिर अचानक दीदी बोलीं:- अब इधर आ||
उन्होंनें अपनें हाथ ऊपर करके कहा:- मेरी कमीज ऊपर खींच।
मैंनें कहा:- दीदी ये क्या बोल रही हो आप?
वो गुस्से से बोलीं:- जल्दी कर|| जो कहा है||
मैं कांप रहा था|| मैंनें दीदी की कमीज को ऊपर खींच दिया और वो ब्रा में मेरे सामनें आ गई थीं।
मैं निगाहें नीचे करके चोरी:-चोरी से उनके मम्मे देख रहा था।
फिर उन्होंनें मुझे अपनी सलवार का नाड़ा खोलनें को कहा।
इस बार मैंनें कुछ नहीं बोला और उनका नाड़ा खींच दिया|| और दीदी के बोलनें पर उनकी सलवार भी उतार दी।
अब वो केवल गुलाबी ब्रा और गुलाबी पैन्टी में मेरे सामनें थीं।
मैं दीदी का नंगा बदन देख पागल सा हो रहा था|| पर डर के मारे चुपचाप गर्दन नीचे करके खड़ा था।
तभी दीदी बोली:- खड़ा क्या है||? जा मेरे कपड़े सूखनें के लिए डाल आ||
मैंनें वैसे ही किया|| और जब वापिस आया तब भी दीदी मेरे सामनें वैसे ही बैठी थीं! वो बोलीं:- कैसी लग रही हूँ मैं?
मैंनें कहा:- दीदी क्या बोल रही हो आप??
दीदी बोलीं:- बता न|| कैसी लग रही हूँ||?
मेरा डर थोड़ा कम हुआ|| मैंनें कहा:- अच्छी लग रही हो।
दीदी अपनें दूध दबाते हुए बोलीं:- कितनी अच्छी?
मैंनें कहा:- बहुत अच्छी|| दीदी||
‘तेरी उन पोर्न एक्ट्रेस से भी ज्यादा अच्छी लग रही हूँ क्या मैं||?’
मैंनें हिम्मत करके बोल दिया:- हाँ दीदी|| वो सब तो आपके सामनें कुछ भी नहीं हैं||।
क्योंकि अब तक मैं उन्हें अपनें जिस्म की कामुक नुमाइश करते देख कर समझ गया था कि दीदी क्या चाहती थीं।
दीदी अपनी चूत खुजाते हुए बोलीं:- तो मुझे प्यार नहीं करेगा?
इतना सुनते ही मैं उन पर टूट पड़ा|| मैंनें अपनें होंठ उनके होंठों पर टिका दिए और उन्हें चूसनें लगा।
वो बोली:- आराम से कर ना||
मैंनें कहा:- आप चुप रहो|| बस चुप||
मैंनें उन्हें उल्टा लिटा दिया और चूसनें चाटनें लगा।!वो सिसकारियाँ भरनें लगी थीं|| गर्म होनें लगी थीं|| वो कामुक होकर ‘आह|| आह||’ कर रही थीं और कह रही थीं:- आह|| आह|| मजा आ गया|| आराम से कर|| क्या कच्चा खा जाएगा मुझे तू||?
फिर मैंनें उनकी ब्रा को खोला और मम्मे चूसनें लगा|| वो पागल सी हो गईं।
मैं उन्हें चूसता रहा|| कई बार मैंनें निप्पल पर काट भी दिया|| दर्द के मारे वो मेरे बाल नोंच रही थीं।
अब बारी दीदी की फुद्दी के दीदार करनें की थी|| मैंनें उनके मम्मे चूसते:-चूसते अपना एक हाथ उनकी पैन्टी में डाल दिया|| चूत पर एक भी बाल नहीं था|| एकदम मुलायम||और चिकनी चूत थी।
फिर मैंनें उनकी पैन्टी निकाली और उनकी गुलाबी चूत को देखा तो मैं पागल हो गयाम! चूत गीली हो रही थी|| मैंनें अपनें होंठ उस पर रख दिए और पागलों की तरह चाटनें लगा।
वो पागल सी हो गईं और मेरे कपड़े उतारनें लगीं|| फिर अंडरवियर से मेरे लंड को निकाल कर चूसनें लगीं।
मैं उनकी फुद्दी चाटता और कभी अपनी उंगली उनकी फुद्दी में घुसेड़ देता|| तो वो चीख पड़ती थीं।
अब वो बोलीं:- अब नहीं रहा जाता|| कुछ कर|| डाल दे मेरे अन्दर अपना लंड संचू…
लेकिन मैंनें पहले उन्हें मेरा लंड चूसनें को बोला|| और उनके मुँह में लौड़ा घुसेड़ दिया।
थोड़ी देर चूसनें के बाद वो फिर बोलीं:- अब डाल दो|| भैनचोद|| क्यों तरसा रहे हो||??
मैंनें उन्हें झट से बिस्तर पर पटका और उनकी टाँगें खोल दीं। अब अपना लंड मैंनें उनकी फुद्दी पर लगाया और एक झटका मार कर अपना खड़ा लंड अन्दर डाल दिया और जोर:-जोर से धक्के लगानें लगा।
वो ‘आह|| आह|| आह|| आह||’ कर रही थीं।
थोड़ी देर बाद दीदी बोलीं:- संचू|| मैं झड़नें वाली हूँ|| थोड़ा और तेज करो||
थोड़ी देर में दीदी झड़ गईं|| पर अभी मैं झड़नें वाला नहीं था|| तो मैंनें अपना चुदाई का काम चालू रखा।
काफी देर के बाद मैं भी झड़नें वाला हो गया|| तो मैंनें दीदी से बोला:- दीदी मेरा छूटनें वाला है।
तो दीदी कामुकता से बोलीं:- संचू भैनचोद|| चूत में अन्दर ही माल डाल दे||
मैंनें सारा पानी उनकी चूत में ही गिरा दिया।
फिर मैं वैसे ही दीदी पर लेट गया।
दीदी बोली:- संचू|| बड़ा मज़ा आया आज|
वो मेरे लंड को फिर से सहलानें लगीं|| थोड़ी ही देर में मेरा लंड फिर से अकड़ गया|| और मैं फिर से दीदी की चुदाई करनें को तैयार हो उठा था।
दीदी नें भी मेरा साथ दिया|| और अब की बार मैंनें उन्हें घोड़ी बना कर उनकी फुद्दी मारी।
इस बार पहले से भी ज़्यादा मज़ा आया और दीदी नें मेरा सारा माल अपनें मुँह में डलवाया और बड़े मजे से स्वाद लेते हुए पूरा माल पी गईं।
उसके बाद मैंनें दीदी को अपनें लंड के ऊपर बिठाया और उन्हें चोदा! मैंनें उस दिन दीदी को चार बार अलग:-अलग तरीके से चोदा।
अब शाम हो गई थी|| दीदी तैयार हुई और जानें लगीं|| तो मैंनें एक बार फिर उन्हें चोदनें के लिए बोला।
पहले दीदी नें मना कर दिया|| पर मेरे बोलनें पर मान गईं। अबकी बार मैंनें सिर्फ़ उनकी सलवार और पैन्टी ही खोली थी।
इस बार की ठुकाई में भी दीदी दो बार झड़ गईं और मैंनें भी अपना सारा माल उनके मुँह में ही झाड़ा।
फिर उन्होनें अपनें कपड़े पहनें और हमनें 10 मिनट तक एक:-दूसरे को चूमा।
उसके बाद दीदी चली गईं|| फिर तो मैंनें दीदी की और भी बहुत बार चुदाई की|| लेकिन वो सब अगली बार लिखूँगा।
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