Sunday, 22 November 2020

मेरा सपना बहनचोद बनने का

300*250

                            

 

 आप सबके सामने पहली बार मेरे साथ हुई घटना को शेयर कर रहा हूँ, जो पहले कभी सपना था अब हकीकत में बदल चुका है. मेरा नाम राहुल है और मैं जोधपुर, राजस्थान का रहने वाला हूँ. मेरी उम्र 28 साल और शारीरिक रूप से बिल्कुल फिट हूँ. यह घटना आज से 3 साल पहले हुई और अब तक यह सिलसिला चल रहा है.  यह घटना मेरी बुआ की लड़की के साथ हुई थी. वह मुझसे उम्र में बड़ी है, उसकी और मेरी उम्र में तीन या चार साल का अंतर है. उसका नाम सपना है. वह रिश्ते में तो मेरी बहन लगती है और यहीं मेरे घर के पास रहती है. वह दिखने में ऐसी है कि कोई भी उसका दीवाना हो जाए. गदराया हुआ शरीर, बड़े-बड़े मम्मे और मोटी गांड लेकर जब चलती है तो लोगों का लंड खड़ा होने में देर नहीं लगती. उसे देखकर अक्सर मैं मुट्ठ मारकर खुद को शांत कर लेता था, मगर उसे जमकर बजाने का सपना मन में लिए बैठा था.  जब मैं 22 साल का था तब ही उसकी शादी हो गई थी और एक बच्चा भी हो चुका था पर उसके शरीर में कोई बदलाव नहीं आया था. मैं तो हैरान था कि उल्टा वह और सेक्सी दिखने लगी थी और मेरा मन अभी तक उसकी चूत में ही अटका था. उसे जब भी देखता था तो उसके मम्मों को घूरने लगता था. फिर लंड खड़ा होने के बाद मुझे मुट्ठ मारनी ही पड़ती थी.  शादी के दो साल बाद ही उसका उसके पति से आये दिन झगड़ा होने लगा था और अक्सर वह अपने मायके में आकर रहती थी. मैं समझ गया था कि अब उसकी चूत को लंड की भूख लगी ही होगी. यही सोचकर मैं एक दिन उसके घर गया.  जब मैं उसके घर पर पहुंचा तो वहाँ पर कोई नहीं था और वह घर पर बिल्कुल अकेली थी. घर पर अकेली देख मैंने उसे बातों-बातों में कह दिया- आजकल लडकियाँ शादी के बाद भी दूसरों के साथ सम्बन्धों में रहती हैं. वह बोली- हाँ, बात तो ठीक है तुम्हारी. मेरी ननद का भी मेरे देवर के साथ सम्बंध है.  फिर मैंने सपना को पटाने के लिए और आगे बात बढ़ाई, मैंने कहा- तो यार इसमें गलत क्या है, सेक्स करना तो सबकी शारीरिक इच्छा होती है. अगर वह बाहर से पूरी नहीं हो रही हो तो घर में ही पूरी कर लेनी चाहिए. वह बोली- नहीं यार … जब लोगों को पता चलता है तो कितनी बदनामी होती है.  मैं बस उसके मन को टटोलने में लगा हुआ था और मुझे पता चल गया था कि मन तो इसका भी कर रहा है लेकिन यह बदनामी के डर से कुछ नहीं कर पा रही है. मैंने कहा- अगर दोनों मर्जी से कर रहे हैं तो किसी को क्या पता चलेगा. अगर घर में बहन अपने भाई के साथ चुदाई करवा लेती है तो बाहर वालों को उनकी चुदाई के बारे में कैसे पता लग सकता है. यह बात सुनकर वह थोड़ी घबरा सी गई. वह बोली- तू ऐसी गंदी बातें क्यों कर रहा है? मैंने कहा- इसमें गंदा क्या है, चुदाई को तो चुदाई ही कहा जाता है. और यदि और कुछ कहते हों तो तू ही बता?  वह मेरी बात सुनकर हँसने लगी. वह बोली- तुम्हारा भी चल रहा है क्या किसी के साथ? मैं उसकी आंखों को देख रहा था और मैं समझ गया था कि अब माल तो हाथ आने ही वाला है. इधर मेरा लंड भी हमारी कामुक बातों के कारण पूरा तना हुआ था और मेरी पैंट में अलग से ही शेप बना रहा था. झटके मार-मार कर फटने ही वाला था.  मैंने कहा- नहीं यार, हमारी ऐसी किस्मत कहां और ऐसी कोई बहन भी तो नहीं जिसे जरूरत हो. वह बोली- तुम पागल हो, तुम नहीं समझोगे. कहकर वह अंदर कमरे में जाने लगी.  मैंने उसका हाथ पकड़ लिया, मैंने कहा- समझ तो मैं सब कुछ गया हूँ, मगर सामने वाली कुछ खुलकर बोल ही नहीं रही है. अगर वह खुल जाए तो मैं भी सब कुछ खुल कर बोल दूँ. मेरा इतना कहना था कि उसने रोना शुरू कर दिया. मैं सोचने लगा कि मैंने कुछ गलत बोल दिया है. यह सोचकर मैं उसके सामने माफी मांगने लगा. फिर वह मेरे गले लगकर रोने लगी.  मैं कुछ समझ नहीं पा रहा था कि वह क्या चाहती है. मैंने उसको चुप करवाना शुरू किया. मैंने कहा- क्या तुम्हें याद है कि आज मेरा जन्मदिन है? जब उसने जन्मदिन की बात सुनी तो वह खुद ही अपने आंसू पौंछने लगी. वह बोली- अरे, मैं तो भूल ही गई थी. मैंने कहा- अब जब तुम्हें याद दिला दिया है तो फिर गिफ्ट कौन देगा? वह बोली- बता क्या चाहिए तुझे? मैंने कहा- सपना तुम्हारी ननद के जैसी ही जरूरत मेरी भी है. मेरे लिए कोई ऐसी लड़की देखो जो मेरी जरूरत को पूरी कर सके.  वह बोली- एक लड़की है, लेकिन वह शादीशुदा है और बदनामी से डरती है. मैंने कहा- शादीशुदा है तो बिल्कुल चलेगी और बदनामी की बात तो तुम करो ही मत. मैं तो उसके बारे में तुम्हें भी कुछ नहीं बताऊंगा, लेकिन पहले तुम मेरी उसके साथ कुछ बात तो करवा दो. मुझे भी तो पता चल जाए कि वो है कौन और देखने में कैसी है? वह बोली- पक्का तुम किसी को नहीं बताओगे? मैंने कहा- मैं चुतिया हूँ क्या जो किसी को बताऊंगा? वह तपाक से बोली- तो फिर अपनी इस बहन की जरूरत पूरी कर दे.  उसकी यह बात सुनते ही मेरा लौड़ा पूरा तनकर एकदम से खड़ा हो गया. मेरा मन तो कर रहा था कि अभी नंगी करके इसकी चूत के दर्शन कर लूँ मगर मैं कुछ बोल नहीं पाया. मैंने उसके हाथ को अपने हाथ में ले लिया और वह मेरे गले लगकर नीचे से मेरे लंड को सहलाने लगी. जब उसे पता चला कि मेरा लंड तनकर खड़ा हो चुका है तो वह नीचे मेरे सामने ही बैठ गई.  उसने ऊपर की तरफ देखा और कहा- गिफ्ट चाहिए तुझे? मैंने हाँ में सिर हिलाया. इतना कहते ही उसने मेरी पैंट खोलकर मेरी चड्डी पर ही जीभ से सहलाने लगी और झटके से चड्डी को नीचे कर मेरे लौड़े को मुंह में भर लिया और पूरे 5 मिनट तक भूखी शेरनी की तरह मेरे लौड़े को चूसती रही. ऐसा लग रहा था कि पूरा निगल जायेगी. मेरा लंड पूरे चरम पर था इसलिए मैंने उसे रोकने के लिए कहा. मगर वह तो मेरे लंड को ऐसे चूसने में लगी हुई थी जैसे कुछ सुनाई न दे रहा हो उसे.  मैंने उससे कहा कि मेरा निकलने वाला है, मगर वह तब भी नहीं रुकी और मेरे लंड ने वीर्य उसके मुंह में छोड़ दिया. उसका मुंह पूरा भर चुका था. वीर्य को पीने के बाद फिर भी लंड उसने अपने मुंह से बाहर नहीं निकाला और पूरा वीर्य पीकर मेरे लंड को चूसकर साफ़ करने लगी. फिर उसे ऐसे प्यार करने लगी जैसे किसी छोटे बच्चे को प्यार किया जाता है. वह बोली- यह रहा तुम्हारा गिफ्ट! मैंने कहा- अब रिटर्न गिफ्ट भी तो देना पड़ेगा!  और इतना कहकर मैंने उसे गोद में उठा लिया उसे उठाकर अंदर कमरे में पलंग पर ले गया. उसे पलंग पर लिटाकर उसकी साड़ी को खोलने लगा और पलभर में वह मेरे सामने नंगी थी. उसके बड़े-बड़े मम्मे देखकर मेरा लौड़ा वापस खड़ा हो गया और मैं उसके मम्मे चूसने लगा. वह पागलों के जैसे मुझे सहलाने लगी, कभी मेरा लौड़ा सहलाती, कभी मेरी गांड में उंगली फिराने लगती.  मम्मे चूसते-चूसते मैं उसकी चूत पर आ गया. उसकी चूत गर्म हो रही थी. उसकी गर्म चूत पर मैंने जैसे ही जीभ रखी तो वह तड़प उठी और उसके मुंह से सिसकारी निकल गई. मैं पागलों की तरह उसकी चूत चाटने लगा. आज मेरा सपना हकीकत में बदल रहा था. यही सोचते-सोचते पूरी जीभ उसकी चूत में घुसा दी. वह पागलों की तरह आह … आह … करके सिसकारियां निकाल रही थी.  थोड़ी देर चूत चटाई करते हुए हम 69 की पोजीशन में आ गये और लंड उसके गले तक डालकर उसकी चूत चाटते हुए मैं उसका मुंह चोदने लगा. वह भी पूरे मजे ले रही थी. मजे लेते हुए बोली- अब चाटते ही रहोगे या इस कुँए में पानी भी भरोगे? मैं समझ गया और सीधा उसकी टांगों के बीच में बैठकर लौड़े को चूत पर फेरने लगा. वह लौड़े को अंदर डालने के लिए कहने लगी और मैंने एक ही झटके में लौड़ा उसकी चूत में डाल दिया.  जब मैंने लौड़ा उसकी चूत में डाला तो उसका मुंह खुला का खुला रह गया. कोई आवाज़ नहीं आई. मुझे यह देखकर बहुत खुशी हो रही थी. फिर वह आह … आह … करते हुए अपनी गांड को ऊपर उठाकर मेरे लंड से चुदने लगी और चुदाई के मजे लेने लगी. काफी देर तक मैं उसकी चूत में लंड को पेलता रहा. चूंकि मैंने पहली बार सपना की चूत मारी थी तो ज्यादा देर तक मैं भी रुक नहीं पाया. मैंने कहा- मेरा निकलने वाला है. कहाँ निकालूँ, जल्दी बताओ. उसने कहा- चूत के अंदर ही निकाल दो. मैंने कहा- अगर तुझे बच्चा हो गया तो? वह बोली- तुम उसकी चिंता मत करो, इस वक्त केवल चूत पर ध्यान दो.  फिर मैंने उसको कुतिया बना दिया. मुझे कुतिया बनाकर चूत के अंदर पानी छोड़ने में बहुत मजा आता है. वह एकदम से कुतिया बन गई और फिर उसकी गांड मेरे सामने हिलने लगी जिसके कारण मेरे लंड से पानी निकलने को तैयार हो गया. मैंने उसकी गांड को हाथों से पकड़ लिया और लौड़े को पूरा अंदर तक पेल दिया. झटकों के साथ मैंने उसकी चूत में पानी भर दिया.  वह बोली- आह … मजा आ गया मेरे शेर!  उसके बाद वह मेरी बांहों में लेटकर सोने लगी. मैंने सोचा कि अभी घर में रुकना ठीक नहीं है. बुआ भी शायद आने ही वाली थी. मैंने एक बार फिर से उसको लंड चुसवाया. उसने दूसरी बार भी मेरा माल पी लिया. फिर मेरे लंड को साफ किया. वह कहने लगी- किसी को बताना मत, नहीं तो मैं मर जाऊंगी. मैंने कहा- मैं बेवकूफ हूं तो हाथ में आए हीरे को ऐसे जाने दूंगा. यह सुनकर वह मुझे बांहों में लेकर मेरे होंठों को चूसने लगी.  उसके बाद मैं अपने घर आ गया. मेरा सपना उस दिन पूरा हो गया था. अब जब भी वह घर पर अकेली होती है तो मैं उसकी चूत चुदाई करके उसको संतुष्ट करने पहुंच जाता हूँ.  हमारा यह संबंध अभी भी चल रहा है. मेरी शादी भी हो चुकी है लेकिन बुआ की लड़की सपना की चूत मेरे लंड से ही शांत होती है. अब वह चाहती है कि मैं उसकी सहेली को भी चोदूँ. उसकी सहेली भी उसी की तरह ज़रूरतमंद है.  आप मुझे बताएँ कि मैं क्या करूँ? मैं शादीशुदा हूँ लेकिन अपनी बहन को खुश देखना चाहता हूँ. मुझे भी उसको चोदने में मजा आता है. लेकिन क्या यह सब ठीक है?

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