इंसान कितना भी अच्छा हो, संस्कारी हो लेकिन उसका लंड कुछ भी करा सकता है, सेक्स एक ऐसी चीज है जिसके आगे सब मजबूर हो जाते है, इसी मजबूरी की वजह से एक दिन मैंने अपने सगी बहन की ट्रेन में चुदाई की और अपने पवित्र रिश्ते को बदनाम किया। मेरी बहन शिवानी बहुत प्यारी सी है उसकी आगे अभी २२ साल है और वो मुझसे 8 साल छोटी है। हम २ भाई और 1 बहन है और वो सबसे छोटी है, शिवानी ने अभी बीकॉम में अड्मिनिशन लिया और मै जयपुर में एक सरकारी नौकरी करता हु, और मेरी शादी के लिए लड़किया देखि जा रही है इस समय। हम सब उसे प्यार से सूजी बुलाते है , वो बहुत बदमाश सी है। सूजी हमारे लिए हमेसा बच्चो जैसी ही थी न ही कभी उसके बारे में गलत सोचा न कभी गलत तरिके से देखा हालाँकि उसका फिगर भी काफी भरता जा रहा था लेकिन हमारा कभी इस बात पे गौर ही नहीं गया। कभी सोचा भी नहीं था की जिस बच्ची से इतना लगाव है उस
करने जैसा गन्दा काम कभी करूँगा। तो इस घटना की सुरुवात कुछ ऐसे हुई की हमे गांव जाना था और हमारी टिकट नहीं हो पायी थी और उस दिन ही निकलना जरूरी था, तो हम ट्रैन के जनरल डिब्बे में चढ़ गए और मै TT को ढूंढने लगा. मैंने सोचा की उसे थोड़े पैसे देके 2 सीट ले लूंगा और आराम से चले जायेंगे लेकिन भीड़ तो इतनी ज्यादा थी की कुछ समझ नहीं आ रहा थ। सूजी बेचारी भी परेशान हो रही थी, मै भीड़ से बचने के लिए उसे कवर कर रहा था, वो मुझसे एक दम बच्चो के जैसे चिपकी हुई थी, मेरे लंड उससे टच होने लगा, मुझे सही नहीं लग रहा था मैंने उसको थोड़ा खुदसे दूर किया और ध्यान देने लगा की कोई उसे टच न करे और तट को भी ढूंढ रहा थ। मैं उस जानवर को बहार नहीं आने देना चाहता था जिसके लिए सरे प्यार के रिस्तो से भी बड़ी हो जाये। भीड़ की वजह से बार बार उसकी गाड़ मेरे लंड से आके सट जाती, मैंने वह से अपना ध्यान हटते हुए इधर उधर की चीजों पे लगाने लगा लेकिन जैसे उसकी गाड़ हल्का से मेरे लंड से टच होती मुझे अजीब सा फील आने लग जाता और इसके बाद एक बहुत गलत चीज हुई जो होनी ही थी मेरा लौड़ा खड़ा हो गया जो काफी बड़ा और मोटा था और पैंट से उसे छिपाना बहुत मुश्किल हो रहा थ। अब मेरा लंड खड़ा हो गया था तो वो पीछे होती थोड़ा तो एक दम से घुसने लगता और अब उसे पता भी चल रहा था की उसके बड़े भैया का लंड उसकी गाड़ के अंदर घुस रहा है। वो भी बेचारी क्या कर सकती थी ऐसा ही चलता रहा, एक स्टेशन आया थोड़ी भीड़ काम हुई लेकिन और भीड़ घुस आयी. अब भीड़ की वजह से उसका मुँह घूम के मेरी तरफ आ गया, जो की मै नहीं चाहता अब अब मेरा खड़ा टाइट लंड बहन की चूत को टच करने लगा अब मुझे समझ में नहीं आ रहा था क्युकी ये बहुत गलत भी हो रहा था और मज़ा भी आ रहा था काफी मुझ। लेकिन ये भी डर था की कही आस पास के लोगो को या फिर सूजी को पता लग जाये की मै बहन की ट्रेन में चुदाई का कार्यक्रम चला रहा हु। अब धीरे धीरे सेक्स मेरे ऊपर हावी हो रहा था और चूत के मज़े लेने लगा था, मैंने लंड को थोड़ा तेज़ से उसकी चूत में घुसने लग। अब मेरे अंदर का दानव जाग गया और मेरा मन होने लगा की बहन की स्कर्ट को उठा के आज बहन की ट्रैन में चुदाई कर दू । मेरा लंड छोटी बहन की चूत में रगड़ खा खाके और टाइट होता जा रहा था, सूजी का मुँह अजीब सा बन रहा था। उसे भी समझ में आ रहा था की उसका भाई मजबूर है, करे भी क्या इतने भीड़ मे। मेरे मन में आने लगा की सूजी की चूचियों को दबाउ, बहुत मुलायम है मेरी बहन की चूचिया। कहो भला हो की इतनी देर में स्टेशन आ गया और लोग चढ़ने उतरने लगे, उसमे टीटी चढ़ा और मैंने टीटी से बाद की उसने कहा की सर सीट तो नहीं भीड़ आप देख ही रहे हो मैंने उसको 1000 रूपये एक्स्ट्रा दिए तो उसने मुझे एक सीट दे दी, लेकिन दिकत थी की बस एक स्लीपर थी और हम दो थे, मैं टीटी से बात करके शांत हो गया था और वापस उसका अच्छा भाई बन गया था। इसलिए मै same सीट पे उसके साथ सोना नहीं चाहता था मै बहन की ट्रैन में चुदाई करने का पाप नहीं करना चाहता था। लेकिन कोई और मौका न होने के कारण हम दोनों एक सीट पे ही लेट गए लेकिन मैं उसके अपोजिट साइट होक सो गया की उसका कुछ मुझसे टच ना हो और न मेरे अंदर जानवर जागे। लम्बा सफर था हम दोनों साथ में थे मैंने पूछा गुड़िया तुम ठीक हो ना, परेशान हो गयी होगी तुम इतने भीड़ में? उसने कहा की नहीं भैया जिसके पास आपके जैसा केयरिंग भाई हो उसे क्या दिक्कत, अपने कितना ख्याल रखा मेरा पुरे रस्ते। मुझे ये सुनके चैन पड़ा की मेरी बहन को मेरे ऊपर कुछ गलत शक नहीं हुआ। सूजी – भैया इधर से बड़ा उल्टा सा लग रहा है मै उधर साइड से लेट जाऊ, मैंने कहा की हां ठीक है न। वो मेरे सामने आके लेट गयी और मै समझ गया अब तो आज कांड होगा लेकिन मै बहन की नज़र में वो सम्मान नहीं खोना चाहता था, बहुत दूर हो गया मै खुदसे। और खुद पे काबू किया। थोड़ी देर बाद मुझे ऐसा लगा की सूजी का हाथ मेरे लंड से टकरा रहा है मै दूर होने की कोसिस करने लगा, लेकिन जाता भी कहा इतना छोटा सा तो होता ह सीट, मुझे ऐसा लगा की सूजी जानके अपने हाथ से मेरे लंड को टच कर रही है, मै सोने की एक्टिंग करने लगा, सूजी ने थोड़ी देर बाद मेरे लंड को पकड़ लिया, और हल्का हल्का हिलाने लगी, ओह भाई अब मेरा लंड 3 गुना पड़ा हो गयी, जिसके छोटी प्यारी सी बहन के हाथ में भाई का लंड हो तो भाई क्या पागल नहीं होग। अब मुझे बहन की ट्रेन में चुदाई का सपना पूरा होता हुआ दिख रहा था, मेरा लंड मोटा और बड़ा हो गया पूरा उसके हाथ में आ भी नहीं पा रहा था उसे भी समझ में आने लगा की भैया का लौड़ा खड़ा हो गया है , उसने अब अपनी गाड़ को हल्का सा पीछे किया और मेरे लंड से सटा दिया , अब इतना होने के बाद मुझसे रहा नहीं गया और मैंने सोने की एक्टिंग करते हुए बहन के ऊपर पैर रख दिया अब उसकी गाड़ पूरा मेरे लंड के नीचे थी और आज मै छोटी बहन की ट्रैन में चुदाई करने वाला था , मै पाप पुण्य सब भूल चूका था अब मुझे मेरी बहन में बीबी नजर आ रही थी। बहन की छोटी सी गाड़ में अपना लंड डालने लगा, मै हाथ उसके ऊपर रखा और लंड पीछे से स्कर्ट के ऊपर से ही घुसेड़ने लगा। मेरी बहन ने मेरे हाथ उठा के अपने चूचियों पे रखा दिए , मै समझ गया की सूजी की इस उम्र में अब उससे भी रहा नहीं जाता और चुदाई का मन होता ह। मैंने अब हाथ उसके बूब्स पे रख दिया , बहुत नाजुक और छोटे थे उसके बूब्स और मेरा हाथ बड़ा सा था उसकी पूरी चुकी मेरे एक पंजे में आ गयी , मैंने चूचिये दबाना सुरु कर दिया उसे बहुत मज़ा आ रहा था उसकी सिसकियों से लग रहा था की पहली बार किसी लड़के ने उसके बूब्स पे हाथ लगाया है। और उसकी स्कर्ट को भी ऊपर कर दिया। उसके निप्पल्स को जैसे दबाया उसकी आवाज़ आयी भैया धीरे, दर्द होता ह। मैं उसके निप्पल्स से को हलके से सहलाने लगा। मुझे उसपे प्यार भी बहुत आ रहा था, मैंने उसे अपनी तरफ घुमाया और उसके माथे पे किश कर लिया, उसने मेरे लिप्स पे। मैंने भी उसके होठो को चूसना सुरु कर दिया , उसके होठ भी काफी मुलायम से थे और टेस्टी लग रहे थे। मेरे चांदी हो गयी थी की इतने काम आगे की लड़की के साथ सेक्स करने को मिल रहा है वो भी अपनी सगी बहन। कभी सोचा भी नहीं था की सगी बहन की ट्रैन में चुदाई करूँगा और मै करता भी न। लेकिन सूजी के तरफ से हां देखके मेरी हिम्मत बहुत बढ़ गयी, मैंने उसके होठो को बहुत देर तक चूसा और उसके गर्दन को चाटा, मैंने उसके टॉप को ऊपर करके उसके ब्रा को साइड में कर दिया और उसके बूब्स को अपने मुँह में भर लिय। सूजी की चूचिया भी अभी छोटी सी थी और मेरे पुरे मुँह में भर गयी थी, सबसे ज्यादा मज़ा उसके बूब्स को चूसने में आ रहा था क्युकी वो वाइट रसगुल्ले थे छोटे छोटे और मेरे मुँह में पूरा भर भी जा रहे थे। मैंने बहन के वाइट रसगुल्लों को बहुत चूसा, मेरे मन ही नई हो रहा था की बहार निकालु, सूजी के एक्सप्रेशन देखके भी ऐसा लग रहा था की जैसे उसे भी आज जो मज़ा मिल रहा है वैसा कभी नहीं मिला। मेरे उम्र में तो सेक्स को लेके तड़प होती है लेकिन 20 22 साल के आगे में सेक्स की जो आग होती है उसकी कोई बराबरी नहीं कर सकता। सूजी मेरे मुँह में अपनी चुचिओ को अंदर का घुसा के मज़े ले रही थी। मैंने एक हाथ उसके चड्ढी के अंदर दाल दिया और उसकी चूत को टच करने लगा। बहुत अलग सी चूत थी उसकी। मैंने अभी तक अपने age की लड़कियों को ही चोदा था तो उनके बाल होते थे और चूत भी काफी खुली होती थी लेकिन सूजी की चूत बहुत क्वालिटी थी की कोई बहुत पैसे खर्च करके भी उसे चोदना चाहे। उसके चूत में हलकी सी ऊँगली की उसने कहा उह आह। मुझे पता लगा गया की मेरी प्यारी गुड़िया ने आज तक चूत में ऊँगली भी नहीं की है अभी, मैंने बहुत हलके हाथो से उसकी चूत को सहलाना सुरु किया मै बहन को दर्द भी नहीं देना चाहता थ। उससे कहा की वाशरूम जा रहा हु, अभी आता हु, वो मेरा इशारा समझ गयी और मेरे वाशरूम जाने के 5 मिनट बाद वो भी वाशरूम में आ गयी, उसके आते ही मैंने दूर बंद किया और उसको किश करने लगा और गोद में ले लिया, मै गोद में लेके उसे किश कर रहा था। मुझसे रहा नहीं गया उसे ऊपर उठाया थोड़ा और उसकी चड्ढी को साइड में उतर के रख दिया और क्यूट सी चूत को चाटने लगा। वाह कितना प्यारा टेस्ट था मैंने उसको हलके हलके से काफी देर तक चाटा। मेरी बेबी इतनी हलकी सी थी मैंने उसे उठा के उसके पैरो को फैला दिया और चूत में जीभ डाल दिया, वो तिलमिला रही थी और मेरे सर को चूत में घुसा रही थी, मैंने चाटा देर तक फिर उसे नीचे उतर दिया और लंडा बहार निकल के उसके हाथ में दिया। बहन की ट्रेन में चुदाई करते टाइम सबसे डर इसी बात का भी था की कही कोई वाशरूम में ना आ जाये, लेकिन इतनी सुन्दर चूत के आगे किसी को कुछ और भी दिखेगा kya वो उसे हिलाने लगी मैंने कहा इसे मुँह में लेके देखो, उसने लंड को मुँह में लिया तो अजीब सा मुँह बनाया उसे अच्छा नहीं लगा था और उसके मुँह में लंड सही से आ भी नहीं रहा था, इतने में कोई चूतिया आया डोर खटखटाने लगा, मैंने जवाब नहीं दिया थोड़ी देर बाद वो चला गया और मुझे ध्यान ही नई था की मेरा लंड मेरी बहन के मुँह में है और वो मज़े लेके चूस रही थी।
मैंने उसे उठाया अब मेरा लंड आउट ऑफ़ कण्ट्रोल हो रहा था मैंने उसे टॉयलेट सीट के ऊपर बैठाया और हल्का सा उसके चूत में ऊँगली डाला, डायरेक्ट लंड डालता तो खून निकल अत तो पहले धीरे धीरे फिंगरिंग की और उसका जोश बढ़ रहा था इस्सकी वजह स। अब मै बहन की ट्रैन में चुदाई करने जा रहा था मैंने लंड उसकी चूत में हलके से डाला और उसके मुँह में हाथ रख लिया। मुझे डर था की वो चिल्लायेगी तो आस पास किसी को पता चल सकता है , मैंने हल्का सा लंड डाला तो वो बहुत तेज़ से हिली जैसे कुछ बड़ा गया उसके अंदर लेकिन मैंने हाथ रखा था तो आवाज़ बहार नहीं आ पायी। फिर मैंने धीरे धीरे से अपनी स्पीड बढाई लेकिन पूरी ताक़त नहीं लगाया । मैंने सगी छोटी बहन की चुदाई कर रहा था और अलग दुनिआ में था , सूजी को भी बहुत मज़ा आ रहा था उसके आँखों में थोड़े अंशु थे दर्द की वजह से लेकिन उसकी सिसकियों से लग रहा था की वो भी बहुत मज़े ले रही है। थोड़ी देर बाद जब सूजी को दर्द काम महसुस होने लगा तो अपना पूरा लंड अंदर कर दिया, मैंने लंड की स्पीड बढाई – ओह मेरा बेबी। बहुत मज़ा आए रहा है, कितनी प्यारी चूत है तुम्हारी। मेरी बहन की आंखे चढ़ गयी फिर मै धीरे धीरे चलाने लगा। आह भैया प्लीज धीरे चोदो आपकी बहन हु मै। उस समय मुझे कुछ समझ ही नहीं आ रहा था मैंने खूब चोदा। और मेरा पानी उसकी चूत पे गिर गया तब जेक मै शांत हुआ। मैंने लौड़ा बहार निकला और उसे किश करने लगा। मैंने उसके चूत को पानी से साफ़ किया और अच्छे से कपडे पहनाये। उसे किश किया और सीट पे चले गए / बहन की ट्रेन में चुदाई ऐसी घटना है मेरे लाइफ की जिसे मै कभी नहीं भूल सकता। इस घटना के बाद से मैंने कभी बहन को न टच किया न कभी ऐसी बाते हुई है, काफी दिन अजीब लगता था एक दूसरे की आंखों में आंख डालके देखना लेकिन बाद में फिर सब नार्मल हो गया। दोस्तों क्या आपके साथ भी कभी कुछ ऐसा हुआ है? प्लीज मुझे बताइये की आपको मेरी कहानी बहन की ट्रेन में चुदाई की कहानी कैसी लगी।
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