Sunday, 6 August 2023

सगी बहन ने खुद भाई को चोदने के लिए उकसाया

300*250

 आज मैं आपको अपनी कहानी बता रहा हूँ। ये मेरी पहली कहानी है इस वेबसाइट पर आज आपको भी अपनी कहानी शेयर करने जा रहा हूँ। मेरा नाम रितेश है और मेरी बहन का नाम पूजा। पूजा दीदी मेरे से दो साल बड़ी है। एक दिन की बात है पापा मम्मी दोनों ही दो दिन के लिए बाहर गए थे तभी ये हम दोनों के बिच सेक्स सम्बन्ध बन गया। पूरी कहानी आपको नॉनवेज स्टोरी पर बता रहा हूँ।

जब मम्मी पापा घर से बाहर होते है ज़िंदगी बिंदास हो जाती है। और हम दोनों की भी ज़िंदगी बिंदास हो गयी है। हुआ ये की परसों ही अचानक उन दोनों को मेरे मामा के यहाँ जाना पड़ गया तो घर में हम दोनों भाई बहन ही थे। शाम को बाहर से खाना मंगवा कर खा लिए और फिर हम दोनों नेटफ्लिक्स पर मोबाइल पर ही एक सेक्सी मूवी देखने लगे। हम दोनों एक ही बेड पर थे रजाई भी ऊपर से डाले हुए थे क्यों की सर्दी भी बहुत है।

हम दोनों के मन में ऐसा कोई भी इरादा या बात नहीं था। हम दोनों बस फिल्म को एन्जॉय कर रहे थे। पर मैं कब सो गया पता ही नहीं चला। मैं गहरी नींद में चला गया था और मेरी बहन मूवी देखती रही जब तक ख़तम नहीं हुआ।

मेरी नींद अचानक खुल गयी और नींद खुलने का कारन भी था की मेरी बहन मेरे साथ ही सो रही थी और वो मेरा लंड पकड़ कर हिला रही थी और सिसकारियां ले रही थी थी। उसने मेरे लंड को मेरे पेंट से बाहर निकाल चुकी थी और आराम से हिला रही थी। जैसे ही मुझे महसूस हुआ की कोमल कोमल हाथों से मेरे लंड को सहलाया जा रहा था और सेक्सी सिसकारियां ली जा रही थी जैसा की मानो मिर्ची खा ली हो।

ये सब होते देख और मेरा लंड बड़ा होने लगा और मोटा भी हो गया और मैंने अपने पेंट को और भी थोड़ा निचे कर दिया ताकि मेरी बहन लंड को अच्छे से हाथ में लेकर मैथुन कर सके। अब तो उधर भी आग लगी थी और इधर भी आग लग गयी थी पर हम दोनों एक दूसरे से कुछ भी नहीं बोल रहे थे। सिर्फ दोनों की साँसे गरम गरम चलने लगी थी और साँसे तेज तेज हो गयी थी।

और मेरे से रहा नहीं गया तो मैंने अपनी बहन की बूब्स पकड़ लिया और सहलाते हुए मैंने अपना होठ उसके होठ पर रख दिया पहले तो वो अपने फेस को हटा ली। और मना कर दिया पर उसने फिर से अपने फेस को मेरे करीब लाई और मेरे होठ पर अपना होठ रख दिया और धीरे धीरे हम दोनों एक दूसरे को होठ को चूसने लगे वो मेरे लंड को सहला रही थी पकड़ रखी थी और मैं उसके बूब्स को दबा रहा था और किस कर रहा था।

ओह्ह्ह दोनों को गरम गरम साँसे एक दूसरे को टकराती थी और जब वो सिसकारियां लेती थी तब मेरे रोम रोम खड़े हो रहे थे अजीब से खुशबु और रूह थी उस समय हम दोनों में ही। अजब ही नशा हो रहा था पहली बार ये सब हो रहा था ऐसा लग रहा था मेरे शरीर के एक एक बाल एक एक अंग उस पल का आनंद ले रहा था।

मैंने अपना हाथ उसके पेंट में डाल दिया और चूत को सहलाने लगा। मेरी बहन की चूत काफी गरम और गीली थी मैंने उसमे ऊँगली डालनी शुरू की तो मेरी बहन और भी ज्यादा सिसकारियां लेने लगी। मैं एक हाथ से उसके बूब्स को एक से चूत को और होठ से उसके होठ को चूस रहा था।

ओह्ह्ह्ह क्या बताऊँ नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम के दोस्तों अपनी ज़िंदगी में पहली बार ये सब महसूस और एक्सपीरियंस कर रहा था। मुझे अपनी जवानी का और एक लड़की की जवानी का एहसास हो रहा था। पहले मैं समझता था आखिर लोग चूत के पीछे और लड़कियों की चूचियों के पीछे क्यों भागते हैं। सेक्स एक नशा होता है जब एक बार लग जाये तभी आप दिन रात किसी के बारे में सोचते है या चुदाई का मौक़ा ढूढ़ते रहते हैं।

अब दोनों तरफ तेज की आग लग रही थी और ये जिस्म की आग तभी बुझती जब एक दूसरे को सेक्स का आनंद मिलता। मैं सोच ही रहा था की अब उसके ऊपर चढ़ जाऊंगा। तभी वो मेरा हाथ अपने पेंट से निकाल दी और रजाई से बाहर हो गयी। मुझे लगा की सब कुछ गड़बड़ हो गया सब कुछ बर्बाद हो गया मैं कुछ भी नहीं कहा अँधेरे में चुपचाप ये समझने की कोशिश कर रहा था की आखिर हुआ क्या है।

तभी वो अपने सारे कपडे खोल दी और बेड पर चढ़ गयी। रजाई हटा दी मेरा पेंट जो की घुटने तक था उसको पैरों से बाहर कर दी। मोबाइल का फलश लाइट जला कर दूसरे साइड कर दी ताकि थोड़ी थोड़ी रोशनी हो। अब हम दोनों एक दूसरे को हलकी रौशनी में देख पा रहे थे।

वो मेरे ऊपर चढ़ गयी और मुझे चूमने लगी मेरे जिस्म को सहलाने लगी इतनी सर्दी में भी हम दोनों को गर्मी लगने लगी थी। पहली चुदाई की गर्मी मैंने पहली बार किसी नंगी लड़की को देखा तो पहले अच्छे से निहार रहा था था। बड़ी बड़ी सॉलिड गोल गोल चूचियां गदराया बदन ओह्ह्ह्हह्ह मजा आ गया था। मैं मन ही मन सोच रहा था की काश मुझे अपनी बहन की तरह ही बीवी मिले ताकि मैं ऐसे ही ज़िंदगी भर इतनी खूबसूरत लड़की की चुदाई करते रहूं।

तभी मेरी बहन लंड को अपने हाथों से पकड़ी और थोड़ा उचक कर अपनी चूत पर सेट की और पहले रगड़ी चूत पर फिर सेट की और फिर हौले हौले से दबाब देती गयी और पूरा का पूरा लंड अपनी चूत में अंदर ले ली। ओह्ह्ह्ह अब हम दोनों के शरीर में एक अजीब सी सिहरन होने लगी। मैंने तुरंत ही उसके दोनों चूचियों को दबोच लिया और निप्पल को अपनी हाथों की दोनों उंगलिओं से मसलने लगा।

ओह्ह्ह अब तो झटके पर झटके देने लगी गांड को घुमा घुमा कर। हम दोनों आपस में कुछ भी नहीं बोल रहे थे बस हम दोनों का जिस्म एक दूसरे के हो चुका था और चुदाई जारी थी। हम दोनों एक दूसरे को भरपूर सहयोग कर रहे थे और वो ऊपर से धक्के देती मैं निचे से धक्के देता।

ओह्ह्ह कमरे में हलकी रौशनी और फच फच चट चट की आवाज निकल रही थी। मेरी बहन कभी कभी हाय हाय करती और जोर जोर से धक्के देती। मैं अब उसको निचे आने को कहा इशारे से अब वो निचे हो गई और मैं ऊपर चढ़ गया। दोनों टांगो को अलग अलग किया फिर उसके चूत को रस को चाटा फिर अपना लंड उसके चूत पर लगाया और फिर जोर जोर से धक्के देना शुरू कर दिया।

करीब आधे घंटे में ही कम दोनों झड़ गए। और फिर एक दूसरे को पकड़ कर सो गए। सुबह उठे तो देखा वो मुझे पकड़ कर सोयी हुई थी। ओह्ह्ह्ह फिर से मैंने उसके होठ को फिर बूब्स को चूसना शुरू कर दिया और सुबह फिर एक बार चुदाई किया। फिर क्या दोस्तों आज दो दिन से चुदाई ही चुदाई।

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