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Sexsait sex stories, desi kahani, hindi sex stories, chudai ki kahani,
दोस्तो! मैं आपका सरस! आपके सामनें एक बार एक नई कहानी के साथ फिर से हाजिर हूँ| मेरी पहली कहानी को आप सभी नें बहुत सराहा! जिसके लिए मैं आप सभी का बहुत-बहुत शुक्रिया अदा करता हूँ| मेरा प्रोत्साहन बढ़ानें के लिए आप सभी के ढेरों मेल्स मिले|
जिन पाठकों नें मेरी पहली कहानी नहीं पढ़ी हो! वो
प्रेमिका की चूत की प्रथम चुदाई
पर जाकर मेरी कहानी पढ़ सकते हैं|
मैं आज आप लोगों के सामनें अपनें एक दोस्त की कहानी लेकर प्रस्तुत हुआ हूँ! जिसनें मेरी सेक्सी कहानी पढ़नें के बाद अपनी कहानी मुझसे शेयर की और उसे आप सभी की ओर से मेरी फेवरिट साइट अन्तर्वासना पर प्रकाशित करवानें का अनुरोध किया|
जैसा कि आप सभी को पता है कि मैं एक नये साथी की तलाश में हूँ इसलिए मैं अपनें खुद का अनुभव तो शेयर कर नहीं पाऊँगा| लेकिन आप सभी से अनुरोध है कि इस कहानी के बारे में अपनें बेशकीमती सुझाव जरूर मेल करें|
सबसे पहले में आपको कहानी के किरदारों से परिचित करवा दूँ| मेरे दोस्त का नाम है रमन और उसकी प्रेमिका का नाम है संगीत| रमन मेरे गाँव का ही लड़का है और संगीत उसकी रिलेटिव है| रमन 25 साल का है और संगीत 22 साल की सुंदर और आकर्षक गठीले बदन की मालकिन है|
दोनों की मुलाकात एक शादी समारोह में हुई थी! दोनों की जान पहचान बढ़ी और इस कदर बढ़ी कि रमन के बिस्तर तक जा पहुँची और अभी तक चुदाई जारी है|
आगे की कहानी रमन की ज़ुबानी||
मैं रमन अपनी प्रेमिका संगीत से अपनी बड़ी बहन की शादी में मिला था| वो मेरी बुआ की देवरानी की बड़ी लड़की थी| जब मैंनें पहली बार उसे देखा तो बस देखता ही रह गया| वो खानें की मेज पर मेरी बुआजी के साथ बैठी हुई थी|
उसे देखकर मुझसे रहा नहीं गया और मैं उसके बारे में जाननें के लिए बुआ के पास जा पहुँचा| मैंनें बुआजी को नमस्ते करके बात शुरू की| थोड़ी देर के बाद बातों ही बातों में मैंनें संगीत के बारे में बुआजी से पूछ लिया तो बुआजी नें हमारा परिचय करवाया| हमारी बातें शुरू हो गईं|
फिर तो मैं सारे मेहमानों को छोड़कर संगीत की सेवा करनें में लग गया! जिसे देखकर वो भी मुझसे इंप्रेस होनें लगी| शादी में हम लोगों की ज़्यादा बातें नहीं हो पाईं लेकिन हम लोगों की नजरों नें बहुत कुछ बातें की! जिसका फायदा मुझे उस वक़्त मिला जब मैं अपनी बुआजी के घर गया| संगीत अपनें घर जाते वक़्त अपना नंबर मुझे दे गई जिससे हम लोगों की फोन पर रोज ही बातें होनें लगीं|
हम दोनों एक-दूसरे से मिलना चाहते थे! लेकिन ऐसा कोई अवसर नहीं मिल पा रहा था कि हम मिल सकें|
एक दिन संगीत नें मुझे फोन करके बताया कि उसकी मम्मी उसके मामा के घर जा रही हैं और वो 2 दिन के बाद आएंगी|
फिर मैंनें अपनें पापा से बात करके बुआजी के घर जानें की इजाजत ले ली और मैं तय किए गए दिन अपनी बुआजी के घर पहुँच गया| अचानक से मुझे देख कर बुआजी चौंक गईं और मुझसे घर के समाचार पूछनें लगीं|
मैंनें कहा- सब कुछ ठीक है बस आपकी याद आ रही थी तो मिलनें आ गया|
बुआजी नें कहा- बहुत अच्छा किया जो तू आ गया|
एक बात में आपको बताना भूल गया कि मेरी बुआजी एक जॉइंट फैमिली में रहती हैं| बुआजी नें संगीत को आवाज लगाई और पानी लानें के लिए कहा|
थोड़ी देर के बाद संगीत मेरे लिए पानी लेकर आई और मुझे उस हूर परी के दर्शन हुए! जिसके लिए मैं यहाँ आया था| मुझे देखकर संगीत नें स्माइल किया और बदले में मैं भी मुस्कुरा दिया|
पानी लेनें के बहानें मैंनें संगीत के हाथ को छू लिया तो संगीत आँखों के इशारे से मुझे मना करनें लगी|
संगीत गुलाबी रंग के सलवार सूट में बहुत सुंदर दिख रही थी| थोड़ी देर बात करनें के बाद मेरी बुआजी दूध लेनें के लिए गाँव में चली गईं| अब मैं और संगीत बैठकर बातें करनें लगे| मैंनें संगीत को गले से लगानें की कोशिश की तो संगीत नें मुझे मना कर दिया कि कोई देख लेगा और रात में मिलनें का प्रोग्राम बनानें लगी|
संगीत नें कहा- हम लोग सब बाहर सोते हैं| वैसे तो मैं अपनी मम्मी के पास सोती हूँ लेकिन आज मम्मी नहीं है तो मुझे तुम्हारी बुआजी के पास सोना पड़ेगा| मैं तुम्हारा बिस्तर मेरे पास लगा दूँगी! जिससे मेरे एक तरफ तुम्हारी बुआजी और एक तरफ तुम हो जाओगे| जब बुआजी सो जाएं तो तुम चुपके से उठकर मेरे बिस्तर पर आ जाना|
अभी तक मैंनें संगीत को किस भी नहीं किया था तो मैं रात के बारे में सोच सोच कर रोमांचित होनें लगा| जल्दी ही शाम हो गई और शाम से रात| हम सब लोगों नें खाना खाया और फिर मैं और बुआजी बात करनें लगे|
मैंनें अपनें फोन से बुआजी की घर पर बात करवाई|
थोड़ी देर के बाद मैं संगीत सब लोगों के बिस्तर लगानें लगी और सब लोग सोनें की तैयारी करनें लगे|
अब हम लोगों को रात के दस बज चुके थे| सब लोग अपनें अपनें बिस्तरों पर जा चुके थे| कुछ सो गए थे ओर कुछ जाग रहे थे|
घर का सारा काम निपटाकर बुआजी और संगीत भी अपनें अपनें बिस्तरों पर आ गईं| संगीत नें लाइट बंद कर दी| रात अंधेरी होनें के कारण हम लोगों को बहुत आसानी हो गई|
जब बुआजी बिस्तर पर आईं तो मुझे आवाज लगाई लेकिन मैं सोनें का नाटक करनें लगा| बुआजी को लगा कि मैं सो गया हूँ| संगीत को चिंता होनें लगी कि यदि मैं सो गया! तो सारा प्लान खराब हो जाएगा| इसलिए सोनें के बाद मुझे हाथ से जगानें की कोशिश करनें लगी| जैसे ही संगीत नें अपना हाथ मेरे बदन से छुआ मैंनें तुरंत उसका हाथ पकड़ लिया| अब वो अपना हाथ छुड़ानें की कोशिश करनें लगी|
उसकी परेशानी देखते हुए मैंनें उसका हाथ छोड़ दिया| थोड़ी देर बाद जब सब लोग सो गए तो संगीत नें मुझे इशारा किया और मैं झट से उसकी चादर में आ गया| हम दोनों करवट लेकर लेटे हुए थे| मैंनें संगीत को जोरदार हग किया हुआ था| उसका कोमल बदन पहली बार मेरी बांहों में था|
थोड़ी देर उसके बदन से खेलनें के बाद मैं उसके होंठों को चूमनें लगा| बड़े ही मुलायम और रसीले होंठ थे! एकदम गुलाब के पंखुड़ी के जैसे होंठ थे| संगीत मेरा पूरा साथ दे रही थी| हम लोग ज़्यादा हलचल बिल्कुल भी नहीं कर रहे थे| हम दोनों के हाथ एक-दूसरे के बदन को पूरी तरह से नापतौल रहे थे|
कुछ देर बाद संगीत गर्म होनें लगी और कामुक सिसकारियां भरनें लगी| बुआजी के पास में सोए होनें की वजह से वह अपनी सिसकारियों और अपनी साँसों को दबानें की कोशिश करनें लगी| लेकिन उसे कामयाबी नहीं मिल पा रही थी| उसके मुँह से ‘आअहह उम्म्म्म आअहह उम्म्ह… अहह… हय… याह… आऊहह हहोहह||’ की आवाजें निकल रही थीं|
अब संगीत मेरे लंड से खेलनें लगी और मैं उसकी पैंटी को खोल कर उसकी चूत में उंगली करनें लगा| जैसे ही मैंनें उसकी चूत को छुआ! तो देखा कि उत्तेजना की वजह से उसकी चूत पूरी तरह से गीली हो चुकी है| मेरी उंगली उसकी चूत में आसानी से जानें लगी| मुझे एहसास हो गया कि संगीत पहले भी सेक्स कर चुकी है|
जब मैंनें इशारे से उससे पूछा तो उसनें बाद में बतानें की बात कहकर बात को टाल दिया|
मैं संगीत की चूत में उंगली को तेज़ी से करनें लगा| अब संगीत की सिसकारियां बढ़ती जा रही थीं| संगीत नें मेरा लंड अपनें हाथ से पकड़ कर अपनी चूत पर रखवा लिया| मैं समझ गया कि संगीत अब लंड लेनें के लिए तैयार है|
अब मैंनें हल्का सा धक्का दिया और चूत के चिकनी होनें की वजह से लंड आसानी से संगीत की चूत में चला गया|
संगीत के मुँह से एक जोरदार ‘आहह||’ निकल गई जैसे की उसे असीम आनन्द मिला हो| वह धीरे-धीरे अपनी गांड को हिलानें लगी| मैं धीरे-धीरे उसकी चूत में लंड को पेलनें लगा| संगीत मस्त होनें लगी| चूत के चिकनी होनें की वजह से मुझे भी मस्ती ज़्यादा ही आनें लगी| हम दोनों के मुँह से ‘आअहह हमम्म्म आहह् म्म्म्म ||’ की आवाजें आनें लगीं|
अब संगीत मुझे ज़ोर-ज़ोर से चोदनें की कहनें लगी| कुछ देर के बाद मैंनें अपनें धक्कों की स्पीड को बढ़ा दिया और अपनें लंड से संगीत की प्यारी सी चूत को तेज स्पीड में चोदनें लगा|
कुछ देर के बाद हम दोनों का शरीर अकड़नें लगा और हम दोनों का पानी छूट गया| लगभग 20 मिनट की चुदाई के बाद हम दोनों पूरी तरह से पसीनें में हो गए थे|
अब हम अपनी साँसों को संभालनें में लग गए| संगीत और मेरी नजरें मिलीं और हम मुस्कुरा दिए| फिर संगीत नें मेरे गाल पर प्यारा सा चुम्बन किया! बदले में मैंनें भी उसे चूम लिया| मैंनें अपनें मोबाइल में टाइम देखा तो रात के 2 बज रहे थे|
इसके बाद हमनें एक और बार चुदाई की| फिर मैं अपनें बिस्तर पर आकर सो गया| दो दिन में बुआजी के घर रुका और इन 2 दिनों में मैंनें अपनी जिंदगी को बहुत ही खूबसूरत तरीके से जिया|
संगीत आज भी मेरी जिंदगी में मेरी प्रेमिका है और इस जनवरी में हमारी रिलेशनशिप को 2 साल पूरे हो जाएँगे| इन 2 सालों में मैंनें संगीत के साथ कई रातें गुलाबी की हैं! लेकिन उस पहली रात का मजा ही कुछ और था|
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जिन पाठकों नें मेरी पहली कहानी नहीं पढ़ी हो! वो
प्रेमिका की चूत की प्रथम चुदाई
पर जाकर मेरी कहानी पढ़ सकते हैं|
मैं आज आप लोगों के सामनें अपनें एक दोस्त की कहानी लेकर प्रस्तुत हुआ हूँ! जिसनें मेरी सेक्सी कहानी पढ़नें के बाद अपनी कहानी मुझसे शेयर की और उसे आप सभी की ओर से मेरी फेवरिट साइट अन्तर्वासना पर प्रकाशित करवानें का अनुरोध किया|
जैसा कि आप सभी को पता है कि मैं एक नये साथी की तलाश में हूँ इसलिए मैं अपनें खुद का अनुभव तो शेयर कर नहीं पाऊँगा| लेकिन आप सभी से अनुरोध है कि इस कहानी के बारे में अपनें बेशकीमती सुझाव जरूर मेल करें|
सबसे पहले में आपको कहानी के किरदारों से परिचित करवा दूँ| मेरे दोस्त का नाम है रमन और उसकी प्रेमिका का नाम है संगीत| रमन मेरे गाँव का ही लड़का है और संगीत उसकी रिलेटिव है| रमन 25 साल का है और संगीत 22 साल की सुंदर और आकर्षक गठीले बदन की मालकिन है|
दोनों की मुलाकात एक शादी समारोह में हुई थी! दोनों की जान पहचान बढ़ी और इस कदर बढ़ी कि रमन के बिस्तर तक जा पहुँची और अभी तक चुदाई जारी है|
आगे की कहानी रमन की ज़ुबानी||
मैं रमन अपनी प्रेमिका संगीत से अपनी बड़ी बहन की शादी में मिला था| वो मेरी बुआ की देवरानी की बड़ी लड़की थी| जब मैंनें पहली बार उसे देखा तो बस देखता ही रह गया| वो खानें की मेज पर मेरी बुआजी के साथ बैठी हुई थी|
उसे देखकर मुझसे रहा नहीं गया और मैं उसके बारे में जाननें के लिए बुआ के पास जा पहुँचा| मैंनें बुआजी को नमस्ते करके बात शुरू की| थोड़ी देर के बाद बातों ही बातों में मैंनें संगीत के बारे में बुआजी से पूछ लिया तो बुआजी नें हमारा परिचय करवाया| हमारी बातें शुरू हो गईं|
फिर तो मैं सारे मेहमानों को छोड़कर संगीत की सेवा करनें में लग गया! जिसे देखकर वो भी मुझसे इंप्रेस होनें लगी| शादी में हम लोगों की ज़्यादा बातें नहीं हो पाईं लेकिन हम लोगों की नजरों नें बहुत कुछ बातें की! जिसका फायदा मुझे उस वक़्त मिला जब मैं अपनी बुआजी के घर गया| संगीत अपनें घर जाते वक़्त अपना नंबर मुझे दे गई जिससे हम लोगों की फोन पर रोज ही बातें होनें लगीं|
हम दोनों एक-दूसरे से मिलना चाहते थे! लेकिन ऐसा कोई अवसर नहीं मिल पा रहा था कि हम मिल सकें|
एक दिन संगीत नें मुझे फोन करके बताया कि उसकी मम्मी उसके मामा के घर जा रही हैं और वो 2 दिन के बाद आएंगी|
फिर मैंनें अपनें पापा से बात करके बुआजी के घर जानें की इजाजत ले ली और मैं तय किए गए दिन अपनी बुआजी के घर पहुँच गया| अचानक से मुझे देख कर बुआजी चौंक गईं और मुझसे घर के समाचार पूछनें लगीं|
मैंनें कहा- सब कुछ ठीक है बस आपकी याद आ रही थी तो मिलनें आ गया|
बुआजी नें कहा- बहुत अच्छा किया जो तू आ गया|
एक बात में आपको बताना भूल गया कि मेरी बुआजी एक जॉइंट फैमिली में रहती हैं| बुआजी नें संगीत को आवाज लगाई और पानी लानें के लिए कहा|
थोड़ी देर के बाद संगीत मेरे लिए पानी लेकर आई और मुझे उस हूर परी के दर्शन हुए! जिसके लिए मैं यहाँ आया था| मुझे देखकर संगीत नें स्माइल किया और बदले में मैं भी मुस्कुरा दिया|
पानी लेनें के बहानें मैंनें संगीत के हाथ को छू लिया तो संगीत आँखों के इशारे से मुझे मना करनें लगी|
संगीत गुलाबी रंग के सलवार सूट में बहुत सुंदर दिख रही थी| थोड़ी देर बात करनें के बाद मेरी बुआजी दूध लेनें के लिए गाँव में चली गईं| अब मैं और संगीत बैठकर बातें करनें लगे| मैंनें संगीत को गले से लगानें की कोशिश की तो संगीत नें मुझे मना कर दिया कि कोई देख लेगा और रात में मिलनें का प्रोग्राम बनानें लगी|
संगीत नें कहा- हम लोग सब बाहर सोते हैं| वैसे तो मैं अपनी मम्मी के पास सोती हूँ लेकिन आज मम्मी नहीं है तो मुझे तुम्हारी बुआजी के पास सोना पड़ेगा| मैं तुम्हारा बिस्तर मेरे पास लगा दूँगी! जिससे मेरे एक तरफ तुम्हारी बुआजी और एक तरफ तुम हो जाओगे| जब बुआजी सो जाएं तो तुम चुपके से उठकर मेरे बिस्तर पर आ जाना|
अभी तक मैंनें संगीत को किस भी नहीं किया था तो मैं रात के बारे में सोच सोच कर रोमांचित होनें लगा| जल्दी ही शाम हो गई और शाम से रात| हम सब लोगों नें खाना खाया और फिर मैं और बुआजी बात करनें लगे|
मैंनें अपनें फोन से बुआजी की घर पर बात करवाई|
थोड़ी देर के बाद मैं संगीत सब लोगों के बिस्तर लगानें लगी और सब लोग सोनें की तैयारी करनें लगे|
अब हम लोगों को रात के दस बज चुके थे| सब लोग अपनें अपनें बिस्तरों पर जा चुके थे| कुछ सो गए थे ओर कुछ जाग रहे थे|
घर का सारा काम निपटाकर बुआजी और संगीत भी अपनें अपनें बिस्तरों पर आ गईं| संगीत नें लाइट बंद कर दी| रात अंधेरी होनें के कारण हम लोगों को बहुत आसानी हो गई|
जब बुआजी बिस्तर पर आईं तो मुझे आवाज लगाई लेकिन मैं सोनें का नाटक करनें लगा| बुआजी को लगा कि मैं सो गया हूँ| संगीत को चिंता होनें लगी कि यदि मैं सो गया! तो सारा प्लान खराब हो जाएगा| इसलिए सोनें के बाद मुझे हाथ से जगानें की कोशिश करनें लगी| जैसे ही संगीत नें अपना हाथ मेरे बदन से छुआ मैंनें तुरंत उसका हाथ पकड़ लिया| अब वो अपना हाथ छुड़ानें की कोशिश करनें लगी|
उसकी परेशानी देखते हुए मैंनें उसका हाथ छोड़ दिया| थोड़ी देर बाद जब सब लोग सो गए तो संगीत नें मुझे इशारा किया और मैं झट से उसकी चादर में आ गया| हम दोनों करवट लेकर लेटे हुए थे| मैंनें संगीत को जोरदार हग किया हुआ था| उसका कोमल बदन पहली बार मेरी बांहों में था|
थोड़ी देर उसके बदन से खेलनें के बाद मैं उसके होंठों को चूमनें लगा| बड़े ही मुलायम और रसीले होंठ थे! एकदम गुलाब के पंखुड़ी के जैसे होंठ थे| संगीत मेरा पूरा साथ दे रही थी| हम लोग ज़्यादा हलचल बिल्कुल भी नहीं कर रहे थे| हम दोनों के हाथ एक-दूसरे के बदन को पूरी तरह से नापतौल रहे थे|
कुछ देर बाद संगीत गर्म होनें लगी और कामुक सिसकारियां भरनें लगी| बुआजी के पास में सोए होनें की वजह से वह अपनी सिसकारियों और अपनी साँसों को दबानें की कोशिश करनें लगी| लेकिन उसे कामयाबी नहीं मिल पा रही थी| उसके मुँह से ‘आअहह उम्म्म्म आअहह उम्म्ह… अहह… हय… याह… आऊहह हहोहह||’ की आवाजें निकल रही थीं|
अब संगीत मेरे लंड से खेलनें लगी और मैं उसकी पैंटी को खोल कर उसकी चूत में उंगली करनें लगा| जैसे ही मैंनें उसकी चूत को छुआ! तो देखा कि उत्तेजना की वजह से उसकी चूत पूरी तरह से गीली हो चुकी है| मेरी उंगली उसकी चूत में आसानी से जानें लगी| मुझे एहसास हो गया कि संगीत पहले भी सेक्स कर चुकी है|
जब मैंनें इशारे से उससे पूछा तो उसनें बाद में बतानें की बात कहकर बात को टाल दिया|
मैं संगीत की चूत में उंगली को तेज़ी से करनें लगा| अब संगीत की सिसकारियां बढ़ती जा रही थीं| संगीत नें मेरा लंड अपनें हाथ से पकड़ कर अपनी चूत पर रखवा लिया| मैं समझ गया कि संगीत अब लंड लेनें के लिए तैयार है|
अब मैंनें हल्का सा धक्का दिया और चूत के चिकनी होनें की वजह से लंड आसानी से संगीत की चूत में चला गया|
संगीत के मुँह से एक जोरदार ‘आहह||’ निकल गई जैसे की उसे असीम आनन्द मिला हो| वह धीरे-धीरे अपनी गांड को हिलानें लगी| मैं धीरे-धीरे उसकी चूत में लंड को पेलनें लगा| संगीत मस्त होनें लगी| चूत के चिकनी होनें की वजह से मुझे भी मस्ती ज़्यादा ही आनें लगी| हम दोनों के मुँह से ‘आअहह हमम्म्म आहह् म्म्म्म ||’ की आवाजें आनें लगीं|
अब संगीत मुझे ज़ोर-ज़ोर से चोदनें की कहनें लगी| कुछ देर के बाद मैंनें अपनें धक्कों की स्पीड को बढ़ा दिया और अपनें लंड से संगीत की प्यारी सी चूत को तेज स्पीड में चोदनें लगा|
कुछ देर के बाद हम दोनों का शरीर अकड़नें लगा और हम दोनों का पानी छूट गया| लगभग 20 मिनट की चुदाई के बाद हम दोनों पूरी तरह से पसीनें में हो गए थे|
अब हम अपनी साँसों को संभालनें में लग गए| संगीत और मेरी नजरें मिलीं और हम मुस्कुरा दिए| फिर संगीत नें मेरे गाल पर प्यारा सा चुम्बन किया! बदले में मैंनें भी उसे चूम लिया| मैंनें अपनें मोबाइल में टाइम देखा तो रात के 2 बज रहे थे|
इसके बाद हमनें एक और बार चुदाई की| फिर मैं अपनें बिस्तर पर आकर सो गया| दो दिन में बुआजी के घर रुका और इन 2 दिनों में मैंनें अपनी जिंदगी को बहुत ही खूबसूरत तरीके से जिया|
संगीत आज भी मेरी जिंदगी में मेरी प्रेमिका है और इस जनवरी में हमारी रिलेशनशिप को 2 साल पूरे हो जाएँगे| इन 2 सालों में मैंनें संगीत के साथ कई रातें गुलाबी की हैं! लेकिन उस पहली रात का मजा ही कुछ और था|
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